दिल्ली विधानसभा में हंगामे के बाद बड़ा फैसला, AAP के 22 विधायक निलंबित
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में उस समय भारी हंगामा देखने को मिला जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना का अभिभाषण जारी था। इस दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सख्त कार्रवाई करते हुए AAP के सभी 22 विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। निलंबित विधायकों में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और दिल्ली की पूर्व मंत्री आतिशी भी शामिल हैं।
विधानसभा में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली सचिवालय और विधानसभा में स्थित मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के कार्यालयों से संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगवा दी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को लगता है कि मोदी जी, बाबा साहेब अंबेडकर से बड़े हैं और उनकी जगह ले सकते हैं। आतिशी ने आरोप लगाया कि यह वही भाजपा है जिसके बड़े नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में अंबेडकर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के नेताओं के कार्यालयों से भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीरें हटाई गई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा का असली एजेंडा क्या है। विपक्ष की नेता ने इस मुद्दे को लोकतंत्र और दलित समाज के सम्मान से जोड़ते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया और कहा कि जनता को इस सवाल का जवाब मिलना चाहिए कि आखिर क्यों अंबेडकर की तस्वीरें हटाई गईं।
इसके अलावा, CAG रिपोर्ट पर पूछे गए सवालों पर आतिशी ने इसे एक रूटीन प्रक्रिया करार दिया और कहा कि इसे बेवजह राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के इशारे पर जांच एजेंसियां AAP सरकार को बदनाम करने के लिए सक्रिय हो गई हैं और इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, जिनका कोई ठोस आधार नहीं है।
दिल्ली विधानसभा में हुए इस हंगामे और विधायकों के निलंबन के बाद अब राजनीतिक हलकों में गर्मा-गर्म बहस छिड़ गई है। AAP ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के खिलाफ बताया है, वहीं भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर अनावश्यक रूप से राजनीति करने और मुद्दों को भटकाने का आरोप लगाया है।