प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया के भव्य इस्कॉन मंदिर का किया उद्घाटन, भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना से की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के नवी मुंबई क्षेत्र में स्थित भव्य इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन कर पूजा-अर्चना की। यह मंदिर न केवल वास्तुकला और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम है, बल्कि एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर भी है। 12 वर्षों की लंबी अवधि में 200 करोड़ रुपये की लागत से बने इस मंदिर का निर्माण ग्लोरी ऑफ महाराष्ट्र प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। यह भव्य मंदिर 9 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है और पूरी तरह से भगवान कृष्ण को समर्पित है। सफेद और भूरे संगमरमर से निर्मित इस मंदिर की सुंदरता और आकर्षण इसे एक अद्वितीय आध्यात्मिक केंद्र बनाते हैं।

वास्तु और कलात्मकता

मंदिर के मुख्य द्वार पर चांदी से बने भव्य दरवाजों पर गदा, शंख, चक्र और ध्वज की सुनहरी नक्काशी इसे दिव्यता प्रदान करती है। अंदरुनी भाग में भगवान कृष्ण की विशाल 3डी पेंटिंग्स और दशावतार से प्रेरित अद्वितीय कलाकृतियां इसे कला प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय स्थान बनाती हैं। यहां एक साथ 3000 भक्तों के बैठने की सुविधा उपलब्ध है, जिससे यह धार्मिक आयोजनों के लिए अत्यंत उपयुक्त है। इसके अलावा, हर रविवार को भक्तों के लिए मुफ्त प्रसादम वितरण का आयोजन मंदिर की सेवा भावना को प्रदर्शित करता है।

हरियाली और पर्यावरण संतुलन

मंदिर परिसर में 5-6 एकड़ क्षेत्रफल में फैली हरी-भरी हरियाली इसे एक शांत और सुखद वातावरण प्रदान करती है। यह क्षेत्र न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में योगदान देता है, बल्कि आगंतुकों और भक्तों को प्रकृति के करीब भी ले जाता है।

भक्ति और सांस्कृतिक महत्व

यह इस्कॉन मंदिर भारतीय वैदिक संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। मंदिर का यह भी विशेष स्थान है कि इसमें इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद का स्मारक भी बनाया गया है। यह विशेषता इसे अन्य इस्कॉन मंदिरों से अलग करती है। दुनिया भर में मौजूद 800 इस्कॉन मंदिरों में यह मंदिर नवी मुंबई की पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए तैयार है।

वैश्विक तुलना

यह भव्य मंदिर कई प्रमुख इस्कॉन मंदिरों के साथ तुलना में अपनी अलग पहचान बनाता है। वृंदावन का इस्कॉन मंदिर भारतीय भक्तों का प्रमुख केंद्र है। वहीं, अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में स्थित न्यू वृंदावन मंदिर, जिसे “पैलेस ऑफ गोल्ड” के नाम से जाना जाता है, और लंदन का सोहो स्ट्रीट मंदिर अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। मलेशिया और रूस के इस्कॉन मंदिर भी भक्तों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं।

विशेष सुविधाएं और भक्ति का केंद्र

इस मंदिर का उद्घाटन समारोह वैदिक मंत्रोच्चार और भक्ति संगीत के साथ संपन्न हुआ। यह नवी मुंबई के साथ ही पूरे महाराष्ट्र और देश के लिए गौरव का विषय है। 16 जनवरी से यह मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खुल जाएगा, जहां उन्हें आध्यात्मिक शांति और भारतीय संस्कृति का भव्य अनुभव प्राप्त होगा।

यह नवी मुंबई का इस्कॉन मंदिर न केवल भक्ति का स्थल है, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को दुनिया भर में प्रदर्शित करने का एक भव्य प्रयास भी है।