प्रयागराज महाकुंभ: भूमि आवंटन पर अखाड़ों के बीच बढ़ा तनाव, प्रशासन ने किए सुलह के प्रयास
यूपी : प्रयागराज में वर्ष 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां अभी से जोरों पर हैं, लेकिन इस भव्य आयोजन से पहले ही अखाड़ों के बीच भूमि आवंटन को लेकर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। गुरुवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने अखाड़ों को आवंटित की जाने वाली भूमि का निरीक्षण कराने का कार्यक्रम रखा था। इस उद्देश्य से सभी अखाड़ों के संत-महात्मा मेला प्राधिकरण कार्यालय में एकत्रित हुए। परंतु भूमि आवंटन के मुद्दे पर कुछ महंतों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो जल्दी ही हिंसक झड़प में बदल गई। साधु-संतों के बीच लात-घूंसों और मुक्कों का आदान-प्रदान होते ही मेला प्राधिकरण कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर इस विवाद को शांत करवाया।
महाकुंभ जैसे महत्वपूर्ण आयोजन की शुरुआत से पहले इस तरह की हिंसा ने मेला प्राधिकरण में तनाव का माहौल बना दिया है। हालांकि, प्रशासन द्वारा उच्च अधिकारियों के माध्यम से अखाड़ों के बीच सुलह कराने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इस प्रकार के विवाद महाकुंभ के आयोजन को प्रभावित न कर सकें।
इस बीच, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण योजना पर कार्य कर रही है। सरकार ने महाकुंभ क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के लिए 2.71 लाख पौधे लगाने की योजना बनाई है। वन विभाग ने प्रयागराज के सरस्वती हाई टेक सिटी में 29 करोड़ रुपये की लागत से 1.49 लाख पौधे लगाने का काम शुरू कर दिया है, जिससे सिटी को ग्रीन बेल्ट में तब्दील किया जा सके। इसके अलावा, शहर की 18 प्रमुख सड़कों के दोनों ओर पौधे लगाए जा रहे हैं ताकि महाकुंभ के दौरान एक पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सुंदर और स्वच्छ वातावरण तैयार हो सके।
इस प्रकार, प्रशासनिक और पर्यावरणीय तैयारियों के साथ, प्रयागराज महाकुंभ 2025 को एक स्वच्छ, हरा-भरा और व्यवस्थित आयोजन बनाने के लिए व्यापक रूप से प्रयासरत है, जबकि अखाड़ों के बीच भूमि आवंटन से जुड़े विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।