भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन: छत्तीसगढ़ में आदिवासी महापुरुषों का सम्मान

रायपुर:  भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में, 14 और 15 नवंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में एक भव्य राज्य स्तरीय आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा, जिसमें आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के महान योगदान को सम्मानित करते हुए उनके बलिदान से प्रेरणा लेने का संदेश दिया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन आदिम जाति विकास विभाग के मार्गदर्शन में किया जा रहा है, जिसमें आदिवासी समुदायों की सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक सशक्तिकरण के पहलुओं को विशेष रूप से प्रस्तुत किया जाएगा।

आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव, श्री सोनमणि बोरा, ने सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, और आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्तों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजन की तैयारियों के संबंध में निर्देश दिए हैं। राज्य के 17 विभाग और 25 योजनाओं को इस आयोजन में शामिल किया गया है, जिनके माध्यम से आदिवासी समुदाय के विकास, आजीविका, उद्यमिता, शिक्षा, और स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं को व्यापक रूप से प्रस्तुत किया जाएगा।

इस वर्ष कार्यक्रम का थीम “सामाजिक, आर्थिक विकास, आजीविका एवं उद्यमिता, कला-संस्कृति एवं धरोहर, शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य एवं जीवन शैली” रखा गया है। इसका उद्देश्य है कि आदिवासियों के हितों को संरक्षित किया जाए, उनकी सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान हो, और विकास के पथ पर उनके सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जा सके। राज्य स्तर पर आयोजन समिति का गठन प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा की अध्यक्षता में किया गया है, जबकि मुख्यालय स्तर पर आयुक्त आदिम जाति विकास की अध्यक्षता में एक 17 सदस्यीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है।

छत्तीसगढ़, जो कि आदिवासी बाहुल्य राज्य है, यहाँ जनसंख्या का लगभग 30.62 प्रतिशत हिस्सा आदिवासियों का है। राज्य में 43 प्रमुख जनजातियां और 162 उपजातियां हैं, जिनके सांस्कृतिक योगदान को संरक्षित और प्रोत्साहित करना इस आयोजन का एक प्रमुख उद्देश्य है। जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से न केवल भगवान बिरसा मुंडा जैसे महान जनजातीय नायकों का स्मरण किया जाएगा, बल्कि आदिवासियों के अधिकारों और हितों की दिशा में चल रहे प्रयासों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

जिला स्तर पर भी जनजातीय गौरव दिवस के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि इस दिन को स्थानीय स्तर पर भी व्यापक रूप में मनाया जा सके। राज्य स्तरीय मुख्य आयोजन में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला प्रदर्शनी, और विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए स्टॉल लगाए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य आमजन और भावी पीढ़ी को आदिवासी महापुरुषों के बलिदान, गौरवपूर्ण इतिहास, और संघर्ष के प्रति जागरूक करना है, साथ ही उनके संरक्षण और विकास के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करना है।