महाकुंभ मेला 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियों पर डाली रोशनी
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को आगामी महाकुंभ मेला 2025 के व्यापक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए तैयारियों की अद्यतन स्थिति साझा की। प्रयागराज में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ मेले की भव्यता और भव्यता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन का महत्व 144 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद और बढ़ गया है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि महाकुंभ की तैयारियां समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही हैं और अब यह अपने निर्धारित रूप में आकार ले चुका है।
महाकुंभ मेला: आयोजन और भव्यता की झलक
13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 के बीच आयोजित होने वाले इस महाकुंभ मेले में देश और दुनिया से लाखों लोग जुटेंगे। मेले में 30 पंटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 28 का काम पूरा हो चुका है और बाकी के दो पुल भी अगले कुछ दिनों में तैयार हो जाएंगे। इसके साथ ही, 12 किलोमीटर लंबा अस्थायी घाट तैयार किया गया है, जहां श्रद्धालु अपने धार्मिक अनुष्ठान और स्नान कर सकेंगे।
इस बार मेले में 1.5 लाख से अधिक टेंट लगाए गए हैं, जिनमें आधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। मेला प्राधिकरण ने 7,000 से अधिक धार्मिक और सामाजिक संगठनों के सहभागिता की जानकारी दी। साथ ही, पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए नैनी क्षेत्र में बायो-सीएनजी प्लांट का उद्घाटन भी हुआ।
मुख्य स्नान पर्व और सुरक्षा उपाय
महाकुंभ मेले के दौरान तीन मुख्य स्नान पर्व, जिन्हें “शाही स्नान” के रूप में जाना जाता है, 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को आयोजित होंगे।
सुरक्षा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश पुलिस अंडरवाटर ड्रोन और अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों का उपयोग करेगी। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) के माध्यम से समस्त व्यवस्थाओं की निगरानी का प्रबंध किया है।
कला और संस्कृति का उत्सव
महाकुंभ मेले में 10 जनवरी से 24 फरवरी 2025 तक भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग देश के विभिन्न राज्यों की लोक कलाओं और सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने के लिए प्रमुख स्थानों पर 20 छोटे मंच स्थापित कर रहा है। इन मंचों पर लोक नृत्य, संगीत, और नाट्य प्रस्तुतियों का आयोजन होगा। पर्यटक और श्रद्धालु देश की अनमोल सांस्कृतिक परंपराओं का अनुभव करेंगे।
मुख्यमंत्री का संदेश और आयोजन का महत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और गौरव का प्रतिनिधित्व करने वाला महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया है।
इस आयोजन की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने जनता, प्रशासन और समस्त संबंधित संस्थाओं से मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया। महाकुंभ मेला 2025 न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगा।