डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दावा: जो बाइडन सत्ता हस्तांतरण में रुकावट डालने के लिए ले रहे विवादास्पद फैसले

 वॉशिंगटन:  डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। उनकी इस ऐतिहासिक ताजपोशी के साथ ही वह जो बाइडन की जगह अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास और कार्यस्थल व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह केवल राजनीतिक हस्तांतरण का प्रतीक नहीं है, बल्कि अमेरिका में बदलते प्रशासन और नीतियों के नए युग की शुरुआत भी करेगा।

नव-निर्वाचित राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी नीतियों पर कड़ा प्रहार किया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक बयान में आरोप लगाया कि बाइडन प्रशासन सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को जानबूझकर जटिल बना रहा है। उन्होंने हालिया जलवायु नीति, ‘ग्रीन न्यू डील’, और प्रशासनिक कार्यकारी आदेशों को “धन की बर्बादी” और “अपरिपक्व निर्णय” करार दिया।

ट्रंप ने कहा, “डेमोक्रेट्स ने सत्ता हस्तांतरण को मुश्किल बनाने के लिए ऐसे फैसले किए हैं जो न केवल अनावश्यक हैं, बल्कि राष्ट्रीय हितों के खिलाफ भी हैं। हालिया जलवायु संधियां और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर प्रतिबंध इसके उदाहरण हैं। लेकिन मैं वादा करता हूं कि सत्ता में आते ही हम इन फैसलों को पलट देंगे और अमेरिका को फिर से मजबूत, प्रभावशाली और सामान्य समझ वाला देश बनाएंगे।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब बाइडन प्रशासन ने अमेरिका की तटरेखा पर तेल और प्राकृतिक गैस की खोदाई पर प्रतिबंध लगाने का एक बड़ा आदेश पारित किया। ट्रंप ने इसे देश की ऊर्जा स्वतंत्रता पर प्रहार बताया और अपनी आगामी नीतियों को ‘राष्ट्रीय पुनर्निर्माण’ की दिशा में एक ठोस कदम करार दिया।

अमेरिकी संसद द्वारा ट्रंप की जीत की औपचारिक पुष्टि के कुछ ही समय पहले दिए गए इस बयान ने सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया पर राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। हालांकि, ट्रंप समर्थकों में इस बदलाव को लेकर भारी उत्साह है। रिपब्लिकन पार्टी ने इस अवसर को ‘पार्टी की जीत’ बताते हुए जोर दिया है कि ट्रंप का नेतृत्व अमेरिका के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा।

शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं और इसे बड़े धूमधाम से आयोजित किए जाने की उम्मीद है। इस दौरान ट्रंप प्रशासन की पहली प्राथमिकताओं में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना, सीमा सुरक्षा मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिकी प्रभाव को फिर से स्थापित करना शामिल होगा।

इस नई शुरुआत ने अमेरिका में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बड़े बदलाव की उम्मीदें जगा दी हैं। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि बाइडन के कार्यकाल में शुरू की गई नीतियों को वापस लेने और नई नीतियों को लागू करने की प्रक्रिया, राजनीतिक बहस और संभावित चुनौतियों से भरपूर होगी।