शांति का रास्ता अपनाएं या कार्रवाई के लिए रहें तैयार: गृहमंत्री विजय शर्मा का नक्सलियों को संदेश

 सुकमा:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए एक ठोस डेडलाइन तय कर दी है। उन्होंने घोषणा की है कि 31 मार्च 2026 तक राज्य को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है और माओवादी गढ़ों पर दबाव बढ़ाया जा रहा है। इसी रणनीति के तहत सुरक्षा बलों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है।

सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 16 नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस कार्रवाई के दौरान डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के दो जवान घायल हो गए, जिनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की जा रही है। इस बड़ी सफलता के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा ने सुरक्षाबलों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सल मुक्त होगा। उन्होंने जवानों के परिश्रम और साहस की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह अभियान और तेज किया जाएगा।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार माओवादियों को आत्मसमर्पण का अवसर दे रही है और यदि वे हिंसा का रास्ता छोड़ते हैं तो उन पर गोली नहीं चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौटें और विकास कार्यों में भागीदार बनें।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुठभेड़ को राज्य में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का नासूर समाप्त करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे अभियान से नक्सलियों के मंसूबे लगातार कमजोर हो रहे हैं।”

यह मुठभेड़ सरकार के उस दृढ़ संकल्प को दर्शाती है, जिसके तहत नक्सलवाद की समाप्ति के लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को गति दी जा रही है, ताकि वहां के लोगों को मुख्यधारा में लाया जा सके। सुरक्षाबलों की यह सफलता इस अभियान को और अधिक मजबूती देगी और छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य को जल्द हासिल करने में मदद करेगी।