पेरिस ओलंपिक के बाद विनेश फोगाट ने की मैट पर वापसी, कुश्ती अभ्यास के साथ नए सफर की शुरुआत
मुंबई: पूर्व ओलंपियन और वर्तमान में राजनेता बनीं विनेश फोगट ने बुधवार को कुश्ती के मैदान में अपने प्रशिक्षण का वीडियो साझा करते हुए अपने खेल करियर में वापसी की झलक पेश की। 30 वर्षीय विनेश ने यह वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया, जो उनके प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने बताया कि पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने अनुभव और चुनौतीपूर्ण क्षणों के बाद उन्होंने कुश्ती से एक नई शुरुआत करने का फैसला किया है।
पेरिस ओलंपिक का विवाद और निराशा
पिछले साल पेरिस ओलंपिक के दौरान, विनेश ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा और भारतीय कुश्ती के इतिहास में पहली महिला बनीं, जिन्होंने ओलंपिक कुश्ती फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि, अंतिम क्षणों में वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह घटना न केवल भारत के लिए बल्कि व्यक्तिगत रूप से विनेश के लिए एक बड़ा झटका थी।
ओलंपिक कुश्ती में नियमों के अनुसार, पहलवानों को मैच से एक दिन पहले वजन-माप और मेडिकल जांच से गुजरना होता है। अपने मुकाबले से ठीक पहले, वजन नियंत्रित न कर पाने के कारण विनेश और भारत को 50 किलोग्राम श्रेणी में स्वर्ण पदक की उम्मीदें छोड़नी पड़ीं। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन एंड स्पोर्ट्स (CAS) में विनेश द्वारा की गई अपील खारिज कर दी गई, जिससे उन्होंने अपने खेल करियर से संन्यास लेने का निर्णय लिया।
राजनीति में कदम और हरियाणा विधानसभा चुनाव
कुश्ती करियर में आए इस ठहराव के बाद, विनेश फोगट ने राजनीति का रुख किया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का दामन थामा और हरियाणा की जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। 29 वर्षीय विनेश को चुनावी सफलता भी मिली, और वे विधायक बनीं। राजनीति में अपने कदम को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा, “सिस्टम के भीतर रहकर हमें बदलाव लाना होगा। बृज भूषण जैसे शक्तिशाली नेताओं का सामना करने के लिए हमें भी राजनीतिक शक्ति की आवश्यकता है।”
चाचा का दृष्टिकोण और ओलंपिक स्वर्ण का सपना
विनेश के इस फैसले पर उनके परिवार के कुछ सदस्य, विशेष रूप से उनके चाचा, संतोष नहीं जता सके। उन्होंने कहा कि विनेश को अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देना चाहिए और 2028 लॉस एंजेलेस ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने पर केंद्रित रहना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि, “विनेश ने पेरिस ओलंपिक में अद्भुत प्रदर्शन किया था, लेकिन अयोग्य घोषित हो जाना बेहद निराशाजनक था। अब भी उसे 2028 ओलंपिक में मौका मिल सकता है। यह उसका सपना होना चाहिए, और वह इसे जरूर पूरा कर सकती है।”
कुश्ती में वापसी का जुनून
राजनीतिक सफर के बीच, विनेश ने अपने खेल करियर को पुनः शुरू करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि वे कुश्ती और राजनीति दोनों के बीच संतुलन बनाए रखेंगी। उनका लक्ष्य खेल में पहले जैसी फिटनेस और क्षमता हासिल करना है। न केवल खुद के लिए, बल्कि अपने समर्थकों और देश के लिए वे इस नई यात्रा की शुरुआत करना चाहती हैं।
विनेश फोगट का प्रभाव
विनेश फोगट न केवल भारत में महिला खेलों की एक प्रमुख चेहरा हैं, बल्कि उनकी राजनीतिक सक्रियता ने उन्हें समाज में बदलाव लाने वाली शक्ति बना दिया है। अपने खेल और राजनीति के अनुभवों को साथ लेकर वे अपने भविष्य को लेकर आशान्वित हैं। उनकी कहानी दृढ़ संकल्प, साहस और अडिग इच्छाशक्ति का प्रतीक बनी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और घरेलू राजनीति में प्रभाव दोनों के साथ, विनेश फोगट ने खुद को एक ऐसी महिला के रूप में स्थापित किया है, जो किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानती।