आरएसएस की रणनीति: महाराष्ट्र में भाजपा के समर्थन के लिए जनसंपर्क अभियान शुरू
मुंबई : हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी प्रभावी जीत के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब महाराष्ट्र में भाजपा के लिए समर्थन जुटाने की मुहिम में सक्रिय हो गया है। विधानसभा चुनाव में केवल एक महीने का समय बचा है, ऐसे में संघ ने राज्य में व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत, संघ ने राज्य भर में 5 से 10 लोगों की टीमों की टोलियां बनाकर छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है, जो लोगों के बीच सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के लाभ को उजागर करने का कार्य कर रही हैं।
इन टोलियों ने हरियाणा में 1.25 लाख से अधिक छोटी बैठकें की हैं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि संघ ने कैसे हर परिवार तक पहुंच बनाने की कोशिश की है। महाराष्ट्र में भी ये टोलियां मोहल्लों और स्थानीय नेटवर्क के जरिए परिवारों से संवाद स्थापित कर रही हैं। उनकी कोशिश है कि वे भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार करें, हालांकि ये सीधे तौर पर वोट मांगने के बजाय राष्ट्रीय मुद्दों, हिंदुत्व, सुशासन, लोक कल्याण और समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।
आरएसएस की सक्रियता का मुख्य उद्देश्य भाजपा के लिए एक मजबूत जनादेश तैयार करना है। उनके पदाधिकारियों ने चुनावी रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की है, जिससे उन्हें हरियाणा में मिली सफलता की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी सफलता मिलने की उम्मीद है। हरियाणा में भाजपा की जीत के पीछे संघ की अहम भूमिका थी, जहां उन्होंने ‘ड्राइंग रूम मीटिंग्स’ के माध्यम से जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़कर वोटरों को प्रभावित किया।
भाजपा ने बीते लोकसभा चुनाव में संघ की सीमित भूमिका की कीमत चुकाई थी, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। संघ ने इस बार अपने कार्यकर्ताओं को अधिक सक्रियता से चुनावी प्रचार में जुटाने की रणनीति अपनाई है, ताकि उन्हें एक बार फिर से व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हो सके।
संघ की यह पहल भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर आई है, क्योंकि यह न केवल पार्टी के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती है, बल्कि एक बेहतर और स्थायी सरकार के गठन की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार, आरएसएस ने अपने ताजगी भरे दृष्टिकोण और रणनीतिक योजनाओं के साथ महाराष्ट्र में भाजपा को मजबूत करने के लिए अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है।