रेखा गुप्ता बनीं दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री, सियासी सफर और निजी जीवन पर एक खास रिपोर्ट
दिल्ली: दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ चुका है। रेखा गुप्ता ने दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर लिया है। उन्हें दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ प्रवेश वर्मा ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। रेखा गुप्ता ने इस ऐतिहासिक जीत के साथ भाजपा की सत्ता में वापसी करवाई और दिल्ली की पहली महिला भाजपा मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के अरविंद केजरीवाल को हराया, जिससे भाजपा को दिल्ली की सत्ता में मजबूती मिली।
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर: छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री तक
रेखा गुप्ता का सफर छात्र राजनीति से शुरू होकर दिल्ली की मुख्यमंत्री पद तक पहुंचा है। वह 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से राजनीति में सक्रिय हुईं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बैनर तले अपनी सियासी यात्रा शुरू की और 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की सचिव और 1996-97 में अध्यक्ष बनीं। उनके छात्र संगठन के कार्यों ने उन्हें एक उभरती हुई नेत्री के रूप में पहचान दिलाई।
2002 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर संगठनात्मक स्तर पर कार्य करना शुरू किया। उन्हें पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी मिली, जिससे उन्हें दिल्ली और अन्य राज्यों में संगठनात्मक अनुभव मिला।
दिल्ली नगर निगम (MCD) से विधानसभा और अब मुख्यमंत्री पद तक का सफर
2007 में उन्होंने दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव में उत्तरी पीतमपुरा से जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की। वह तीन बार शालीमार बाग से पार्षद चुनी गईं (2007-2012, 2012-17, 2022-25)। नगर निगम में उन्होंने महिलाओं और बच्चों के विकास से जुड़े कई कार्य किए, जिसमें सुमेधा योजना जैसी पहल शामिल थी, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करती थी।
दो बार विधानसभा चुनाव हारीं, लेकिन 2025 में जीत दर्ज की
रेखा गुप्ता ने 2015 और 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में शालीमार बाग सीट से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
- 2015 में आम आदमी पार्टी (AAP) की वंदना कुमारी ने उन्हें करीब 11,000 वोटों से हराया।
- 2020 में वह फिर से वंदना कुमारी के खिलाफ उतरीं, लेकिन इस बार भी 3,400 वोटों के अंतर से हार गईं।
हालांकि, 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वंदना कुमारी को बड़े अंतर से हराकर दिल्ली की सत्ता में भाजपा की वापसी करवाई और मुख्यमंत्री पद तक पहुंचीं।
व्यक्तिगत जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता जय भगवान जिंदल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में कार्यरत थे, जिसके चलते उनका परिवार 1976 में दिल्ली शिफ्ट हो गया। हालांकि, उनका परिवार आज भी हरियाणा के जुलाना में कारोबार से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम की डिग्री ली और बाद में 2022 में मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी (LLB) की डिग्री प्राप्त की।
उनकी शादी दिल्ली के बिजनेसमैन मनीष गुप्ता से हुई है और उनके दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं।
आरएसएस और भाजपा संगठन में सक्रिय भूमिका
रेखा गुप्ता 32 वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी रहीं। उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया और मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में भाजपा की महिला शाखा की प्रभारी भी रहीं।
उन्होंने 2009 में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव के रूप में कार्य किया और 2010 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी बनीं।
महिलाओं और बच्चों के लिए किए गए प्रमुख कार्य
- महिला सशक्तिकरण के लिए सुमेधा योजना – आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं की शिक्षा के लिए यह योजना लागू की।
- एमसीडी में महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्षता – महिलाओं और बच्चों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं।
- महिला सुरक्षा के लिए विशेष कार्ययोजनाएं – दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार और संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दिल्ली की चौथी महिला और चौथी भाजपा मुख्यमंत्री
रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। उनसे पहले यह पद सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी संभाल चुकी हैं।
वहीं, वह भाजपा की भी चौथी मुख्यमंत्री बनी हैं। उनसे पहले मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज भाजपा से दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी प्राथमिकता दिल्ली में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना, कानून-व्यवस्था सुधारना, महिला सुरक्षा सुनिश्चित करना और दिल्ली को एक आधुनिक व विकसित राजधानी बनाना रहेगा।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उनकी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर विशेष जोर देगी।