संभल जाने से पहले राहुल गांधी का काफिला रोका गया, गाजीपुर बॉर्डर पर तनाव

नई दिल्ली:  कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने प्रस्तावित संभल दौरे के सिलसिले में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे, जहां पुलिस और प्रशासन द्वारा उनके काफिले को रोक दिया गया। राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तथा वायनाड सांसद भी मौजूद थीं। इस यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह हाई अलर्ट पर थी, जिससे यह घटना सुर्खियों में आ गई।

राहुल गांधी के साथ जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव भी मौजूद थे। उन्होंने इस मौके पर कहा कि राहुल गांधी का मकसद संविधान की रक्षा करना और समाज में बढ़ रही नफरत को समाप्त करना है। उन्होंने इस यात्रा को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “यह मोदी और योगी के बीच की लड़ाई है। सवाल यह है कि कौन हिंदू सम्राट बनेगा और देश का नेतृत्व करेगा।”

गाजीपुर बॉर्डर पर तनाव और झड़प
गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस और कांग्रेस नेताओं के बीच काफी तनावपूर्ण माहौल रहा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेडिंग पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया और किसी भी हाल में संभल जाने की मांग की। पुलिस ने काफिले को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी, जिसके कारण स्थिति और गंभीर हो गई।

राहुल गांधी और पुलिस के बीच बातचीत
राहुल गांधी ने डीसीपी से मुलाकात की और उनसे इस मामले पर चर्चा की। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। बातचीत के दौरान राहुल ने अपनी यात्रा की आवश्यकता और इसके उद्देश्य पर जोर दिया। इस बातचीत के परिणामस्वरूप कांग्रेस की अगली रणनीति तय की जाएगी।

कई कांग्रेस नेताओं को किया गया हाउस अरेस्ट
राहुल गांधी के संभल दौरे को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई कांग्रेस नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया है। लखनऊ में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और गाजियाबाद में अन्य वरिष्ठ नेताओं को उनके घरों में नजरबंद किया गया। कांग्रेस को आशंका है कि यह कदम उनके नेताओं की आवाज़ दबाने के लिए उठाया गया है।

राजनीतिक माहौल और आगामी कदम
इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही है। पार्टी ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है और कहा है कि राहुल गांधी का दौरा संविधान और सामाजिक एकता के लिए है।

यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव ला सकती है और आने वाले दिनों में इसके कई राजनीतिक और सामाजिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।