प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के साथ बातचीत में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर उठाए गंभीर सवाल
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में छात्रों के साथ संवाद करते हुए दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि दिल्ली में 9वीं कक्षा के बाद छात्रों को आगे जाने नहीं दिया जाता है। जिन छात्रों का पास होना तय है, उन्हें ही आगे बढ़ने का मौका दिया जाता है, क्योंकि अगर उनकी परीक्षा में प्रदर्शन खराब हुआ तो आम आदमी पार्टी (AAP) की छवि पर असर पड़ेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बयान के माध्यम से दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठाए, जो छात्रों के भविष्य और परीक्षा परिणामों पर असर डालती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की नीति से केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर ही असर नहीं पड़ता, बल्कि यह छात्रों के आत्मविश्वास को भी प्रभावित करता है।
यह बयान उस समय आया जब दिल्ली में शिक्षा सुधार और बच्चों के भविष्य को लेकर राजनीति का माहौल गर्म है। मोदी के इस बयान ने दिल्ली के शिक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल उठाए, खासकर उन छात्रों के लिए जिनके लिए आगे बढ़ने के मौके सीमित कर दिए गए हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने यह भी संकेत दिया कि शिक्षा में राजनीति का दखल भविष्य को नुकसान पहुंचा सकता है, और इसके लिए सही और निष्पक्ष नीति बनाने की जरूरत है।
इस चर्चा में मोदी ने शिक्षा के अधिकार की ओर इशारा करते हुए, छात्रों को समान अवसर देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का समय नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है कि हम बच्चों के भविष्य के निर्माण में अधिक पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करें।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए एक बड़ी बहस को जन्म दिया, और यह शिक्षा तंत्र के सुधार की दिशा में अहम कदम की आवश्यकता को उजागर किया