श्रीलंका में संसदीय चुनावी हलचल तेज: मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत की ओर किया प्रस्थान

कोलंबो श्रीलंका में सभी प्रमुख राजनीतिक दल नवंबर में होने वाले संसदीय चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं, जो 14 नवंबर को होंगे। राजनीतिक पार्टियाँ वर्तमान में उम्मीदवारों की सूची तैयार करने और नए गठबंधन बनाने की प्रक्रिया में हैं। नामांकन की प्रक्रिया पिछले शुक्रवार से शुरू हो गई है, लेकिन अब तक किसी भी प्रमुख पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है। नामांकन की अंतिम तिथि 11 अक्टूबर है, जिसके बाद चुनावी प्रक्रिया में तेजी आएगी।

हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) पार्टी ने पुष्टि की है कि वह अपने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में लगी हुई है। इसके साथ ही, पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी), जो श्रीलंका की सबसे पुरानी पार्टी मानी जाती है, ने समागी जन बालावेगया (एसजेबी) पार्टी के साथ चुनाव में जाने के लिए विलय करने का प्रयास किया था, जो सफल नहीं हो सका। वहीं, तमिल राजनीतिक समूह भी नए गठबंधन बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।

इस बीच, 23 सितंबर को श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले एनपीपी के नेता दिसानायके ने 24 सितंबर को 225 सदस्यीय संसद को भंग कर दिया। संसद में एनपीपी के पास केवल तीन सीटें थीं, और अब वह नए चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पिछला आम चुनाव अगस्त 2020 में हुआ था, जिसमें सांसदों को पांच साल के कार्यकाल के लिए चुना गया था।

इसी दौरान, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के महीनों में यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की है। उन्होंने बताया कि भारत ऐसे कुछ देशों में से एक है जो दोनों नेताओं से संवाद करने की क्षमता रखता है। यह संवाद वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

इन सबके बीच, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का भारत दौरा भी चर्चा में है। वह माले से रवाना होकर भारत पहुंचने वाले हैं। राष्ट्रपति मुइज्जू और उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद 6 से 10 अक्टूबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह दौरा भारत और मालदीव के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर दक्षिण एशिया में सहयोग और स्थिरता के संदर्भ में।

इस प्रकार, श्रीलंका में चुनावी हलचल के बीच भारत और मालदीव के संबंध भी बढ़ते नजर आ रहे हैं, जो क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।