बेगूसराय में रेलवे कर्मी अमर कुमार राउत की दर्दनाक मौत: सुरक्षा प्रबंधों पर उठे सवाल
बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित बरौनी जंक्शन पर शनिवार को रेलवे कर्मी अमर कुमार राउत की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा प्लेटफार्म संख्या 5 पर सुबह करीब 9 बजे हुआ, जब वह बरौनी लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन और बोगी को अलग करते समय शंटिंग के दौरान हादसे का शिकार हो गए। 35 वर्षीय शंटिंगमैन अमर कुमार राउत, जो समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय के निवासी थे, ट्रेन के इंजन और बोगी के बीच फंसकर गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई।
घटना उस वक्त घटी जब ट्रेन के सभी यात्री प्लेटफार्म पर उतर चुके थे और ट्रेन को शंटिंग के लिए ले जाया जा रहा था। इस प्रक्रिया में इंजन को बोगी से अलग किया जा रहा था, और शंटिंगमैन अमर कुमार राउत इस काम को कर रहे थे। इस दौरान इंजन को पीछे की ओर खींचा गया, जिसके कारण अमर कुमार राउत इंजन और बोगी के बीच दब गए। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया, लेकिन ड्राइवर ने इंजन को आगे करने के बजाय वाहन से उतरकर मौके से भाग लिया। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई और दो घंटे बाद शव को प्लेटफार्म पर निकालकर रखा गया।
मृतक के परिजन और यूनियन के सदस्य इस हादसे के लिए रेलवे की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि इंजन और बोगी को अलग करने के लिए कम से कम चार कर्मियों की आवश्यकता होती है, लेकिन यहां यह कार्य केवल एक ड्राइवर और एक कर्मी के सहारे किया जा रहा था, जो कि बेहद खतरनाक था। इस कारण इस दर्दनाक घटना का सामना करना पड़ा।
सोनपुर के डीआरएम विवेक भूषण ने इस हादसे की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह जांच यह तय करेगी कि रेलवे में कहां गलती हुई और इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस प्रकार के हादसे की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मृतक रेलवे कर्मी के परिवार को नियमानुसार मुआवजा भी दिया जाएगा।
यह हादसा रेलवे कर्मचारियों के सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल खड़ा करता है, क्योंकि इस कार्य में इतनी लापरवाही बरतना और सुरक्षा उपायों की अनदेखी करना न केवल अमर कुमार राउत की जान का कारण बना, बल्कि यह रेलवे के सुरक्षा मानकों पर भी एक गंभीर निशान है। मृतक ने 2021 में अपने पिता के निधन के बाद अनुकंपा पर रेलवे में नौकरी जॉइन की थी, और अब इस घटना से उनके परिवार को भारी शोक का सामना करना पड़ रहा है।
इस घटना ने रेलवे की कार्यप्रणाली और सुरक्षा उपायों पर फिर से सवाल उठाए हैं, और यह मुद्दा रेलवे अधिकारियों के लिए एक चेतावनी बन गया है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को रोका जाए और कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।