“महाराष्ट्र में लाड़की बहन योजना पर विवाद: फडणवीस सरकार के मंत्री ने वित्तीय बोझ और अन्य योजनाओं पर प्रभाव को लेकर जताई चिंता”

 मुंबई:  महाराष्ट्र में वित्तीय प्रबंधन और योजनाओं की प्राथमिकताओं को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई है। राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहन योजना को लेकर गंभीर आर्थिक चिंताएं जाहिर की हैं। मंत्री ने कहा है कि इस योजना से राज्य के खजाने पर भारी दबाव पड़ा है, जिससे किसानों के लिए कृषि ऋण माफी योजना को लागू करना मुश्किल हो गया है। पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि सरकार राज्य की वित्तीय स्थिति की गहन समीक्षा कर रही है, और राज्य की आय में सुधार होने के बाद अगले चार से छह महीनों में ऋण माफी योजना को लागू किया जाएगा।

लाड़की बहन योजना पर आर्थिक दबाव

महायुति सरकार द्वारा लागू की गई इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,500 का भत्ता दिया जाता है। यह योजना पिछले साल अगस्त में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने शुरू की थी। माना जाता है कि इस योजना ने 20 नवंबर 2024 के चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन इस योजना पर सालाना ₹46,000 करोड़ का खर्च आने के कारण, राज्य के आर्थिक संसाधनों पर भारी दबाव पड़ा है। मंत्री कोकाटे ने बताया कि इस वित्तीय बोझ के कारण कृषि ऋण माफी के लिए अलग से धनराशि आवंटित करना संभव नहीं हो पा रहा है।

कृषि ऋण माफी पर स्थिति अस्पष्ट

मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन सहकारिता विभाग का कार्य है और इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य अधिशेष के माध्यम से ही इस योजना को लागू कर सकता है। लेकिन लाड़की बहन योजना के कारण यह अधिशेष बाधित हो रहा है, जिससे किसानों के लिए कृषि ऋण माफी असंभव बन गई है।

महिला एवं बाल विकास विभाग का पक्ष

महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने लाड़की बहन योजना पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार केवल फर्जी लाभार्थियों के बारे में प्राप्त शिकायतों का समाधान करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी तरह का अभियान लाभार्थियों की व्यापक जांच के लिए नहीं चला रही है। हालांकि, योजना के तहत मिलने वाले लाभ की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आयकर विभाग और राज्य परिवहन विभाग से डेटा मांगा गया है। शिकायतों में कई ऐसे लाभार्थी शामिल पाए गए हैं, जिनकी आय तय सीमा से अधिक है या जिनके पास चार पहिया वाहन हैं। ऐसे मामलों में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

आर्थिक सुधार और भविष्य की योजनाएं

मंत्री कोकाटे ने यह भी कहा कि राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने और वित्तीय स्थिति को सुधारने की दिशा में काम कर रही है। जब राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी, तो सरकार कृषि ऋण माफी जैसी महत्वपूर्ण योजना को प्राथमिकता देगी।

समाज पर लाड़की बहन योजना का प्रभाव

लाड़की बहन योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को समर्थन देना और उनके जीवन स्तर में सुधार करना था। लेकिन अब इस योजना पर हो रहे खर्च और इसकी उपयोगिता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जहां एक ओर यह योजना महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है, वहीं दूसरी ओर, राज्य की अन्य आवश्यक योजनाओं, जैसे कृषि ऋण माफी, पर इसके प्रभाव को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अगले कुछ महीनों में इन दोनों योजनाओं के बीच संतुलन कैसे बनाएगी। योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए आने वाले समय में महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं।