राहुल गांधी के बयान पर सिख समुदाय में रोष: वाराणसी में BJP का विरोध प्रदर्शन
वाराणसी: राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में सिख समुदाय को लेकर दिए गए बयान ने देशभर में विवाद की स्थिति पैदा कर दी है। वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं और सिख समुदाय के लोगों ने मिलकर इस बयान के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। गुरुवार को कचहरी स्थित जेपी मेहता इंटर कॉलेज से लेकर जिला मुख्यालय तक विशाल आक्रोश मार्च निकाला गया, जिसका नेतृत्व बीजेपी के महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने किया। इस प्रदर्शन में सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य सामाजिक संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
मार्च के दौरान “राहुल गांधी मुर्दाबाद” और “राहुल गांधी माफी मांगो” जैसे नारे गूंजते रहे। कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी का पुतला सड़कों पर रखा और उसे जूते-चप्पल से पीटा, जिससे वहां तनावपूर्ण माहौल बन गया। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुतला हटाने का मोर्चा संभालना पड़ा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि राहुल गांधी ने अपने बयान से न केवल सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है।
बीजेपी एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने इस बयान को देश की गरिमा के खिलाफ बताया और कहा कि राहुल गांधी ने सिख समुदाय के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। पिंडरा विधायक अवधेश सिंह ने इसे राहुल गांधी की बौखलाहट का परिणाम बताया, जो सत्ता से बाहर होने के कारण अपनी विश्वसनीयता खो रहे हैं। वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि राहुल गांधी को इस बयान के लिए सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है और इस तरह के बयानों से समाज में विभाजन और अस्थिरता का माहौल पैदा होता है।
पंजाबी महासभा उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह ने भी राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिसने देश की स्वतंत्रता और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे में इस तरह के बयान देना आपत्तिजनक है और राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
प्रदर्शन में शामिल सिख समुदाय के लोगों ने कहा कि सिखों की पगड़ी और कड़ा हमारे सम्मान का प्रतीक हैं, और इनका अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस आक्रोश मार्च के दौरान कई वरिष्ठ नेता और स्थानीय नागरिक भी शामिल हुए, जिन्होंने राहुल गांधी के इस बयान को समाज को बांटने वाला करार दिया और इसे लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया।
इस पूरे घटनाक्रम ने सिख समुदाय और बीजेपी के बीच एकजुटता का संदेश दिया है, और सभी ने एक स्वर में राहुल गांधी से माफी की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर राहुल गांधी जल्द ही माफी नहीं मांगते तो वे और भी बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।