“वायनाड उपचुनाव: प्रियंका गांधी समेत 16 उम्मीदवारों की परीक्षा, 14 लाख मतदाताओं का फैसला 23 नवंबर को”
वायनाड: केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर इस समय पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। यह उपचुनाव कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा रायबरेली लोकसभा सीट जीतने के कारण खाली हुई वायनाड सीट के लिए हो रहा है। राहुल गांधी ने इस साल वायनाड सीट पर 3.5 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन रायबरेली सीट पर जीत के बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी, जिसके बाद उपचुनाव की घोषणा की गई। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी महत्वपूर्ण रणनीति के तहत प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। प्रियंका गांधी पहली बार इस चुनावी मंच पर कदम रख रही हैं, जिससे यह उपचुनाव और भी दिलचस्प हो गया है।
वायनाड की इस पहाड़ी सीट पर कांग्रेस, एलडीएफ और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। जहां कांग्रेस प्रियंका गांधी के माध्यम से इस सीट को अपने कब्जे में रखने की कोशिश कर रही है, वहीं भाकपा के सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास इस सीट को छीनने के इरादे से मैदान में हैं। वायनाड लोकसभा क्षेत्र के तहत सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें कोझिकोड जिले के तिरुवंबाडी और मलप्पुरम जिले के इरनाड, नीलांबुर और वंडूर शामिल हैं। यहां कुल 16 उम्मीदवार मैदान में हैं और लगभग 14 लाख मतदाताओं के हाथ में इन उम्मीदवारों की तकदीर का फैसला है।
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तीनों प्रमुख दलों ने अपने-अपने रोड शो के जरिए मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की। खास बात यह है कि राहुल गांधी खुद अपनी बहन प्रियंका के समर्थन में आए और उनके लिए प्रचार किया। वायनाड में प्रियंका के समर्थन में राहुल की मौजूदगी ने कांग्रेस समर्थकों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। इस सीट पर राहुल गांधी ने 2019 से 2024 तक बतौर सांसद कार्य किया और वायनाड के लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता को कांग्रेस इस बार प्रियंका के पक्ष में भुनाने का प्रयास कर रही है।
एलडीएफ और भाजपा कांग्रेस पर तीखे आरोप लगा रहे हैं कि राहुल गांधी ने निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर जनता का विश्वास तोड़ा। एलडीएफ और भाजपा का तर्क है कि प्रियंका गांधी अगर चुनाव जीत भी जाती हैं, तो उनके भाई की तरह ही निर्वाचन क्षेत्र में शायद ही नजर आएंगी। प्रियंका गांधी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह वायनाड के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं और जनता के बुलावे पर बार-बार आएंगी।
इस उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा और इसके लिए 1,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। माओवादी प्रभाव वाले क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। मलप्पुरम जिले में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस ने कई अवैध वस्तुएं, जैसे कि मादक पदार्थ, नकदी और सोना, जब्त किया है। इसके अलावा, नीलांबुर पुलिस ने हथियार भी बरामद किए हैं। मतगणना 23 नवंबर को होगी, जो नतीजों का खुलासा करेगी कि वायनाड की जनता ने इस बार किसे अपना सांसद चुना है।