योगी सरकार की महाकुंभ योजना: स्वच्छता और सुविधा में कोई समझौता नहीं
उत्तर प्रदेश: महाकुंभ 2025 को स्वच्छ महाकुंभ के रूप में स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरी गंभीरता से प्रयासरत है। सरकार का उद्देश्य है कि इस भव्य आयोजन में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक एक स्वच्छ, सुव्यवस्थित और यादगार अनुभव लेकर जाएं। इसके लिए प्रशासन ने व्यापक कार्य योजना तैयार की है, जिसमें स्वच्छता, शौचालयों की संख्या, उनकी देखरेख और संचालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत मेला क्षेत्र को स्वच्छ और सुसज्जित बनाए रखने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं, जिनमें शौचालयों की सफाई व्यवस्था से लेकर सफाईकर्मियों और सुपरवाइजर्स की तैनाती तक की प्रक्रिया को विस्तार से शामिल किया गया है।
स्वच्छता के लिए व्यापक मानक तय
मेला प्रशासन ने शौचालयों और सफाई व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मेला क्षेत्र में सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए तय किए गए मानकों के अनुसार, प्रत्येक 10 शौचालयों पर एक सफाईकर्मी और प्रत्येक 10 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर की तैनाती अनिवार्य होगी। इसी तरह, हर 20 यूरिनल्स के लिए एक सफाईकर्मी और प्रत्येक 20 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर नियुक्त किया जाएगा। इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सफाई व्यवस्था में कोई कमी न हो और हर समय शौचालय दाग और गंदगी मुक्त रहें।
सफाईकर्मियों की सुरक्षा और उपकरण
सफाई कार्य के दौरान सफाईकर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। सफाईकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान दस्ताने, जूते और अन्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का उपयोग करेंगे। यह कदम उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। सफाईकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे निर्धारित मानकों के अनुरूप सफाई कार्य कर सकें।
शौचालयों में विशेष सुविधाएं
शौचालय इकाइयों को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। प्रत्येक शौचालय इकाई में टॉयलेट पेपर, साबुन डिस्पेंसर, हैंड सैनेटाइजर, महिला स्वच्छता उत्पाद, और फ्लश सिस्टम जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाएगा। शौचालयों के फर्श, दीवारों और टाइल्स को हर समय दाग और गंदगी मुक्त रखा जाएगा। साथ ही, फ्लश सिस्टम, नल और शॉवर को बिना किसी रिसाव के सुचारु रूप से कार्यशील बनाया जाएगा। दुर्गंध से बचने के लिए गंध नियंत्रण तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जो शौचालय की दुर्गंध को 10-15 मिनट में समाप्त कर देंगी।
कचरा प्रबंधन और गंध नियंत्रण
शौचालयों में कचरे का निपटान 24 घंटे के भीतर किया जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक कचरा प्रबंधन तकनीकों का उपयोग होगा, जिससे बार-बार उपयोग होने वाले शौचालयों में गंध और गंदगी का प्रभाव न पड़े। कचरा विघटन और शौचालय की सफाई की नियमित निगरानी की जाएगी।
विशेष स्नान पर्व पर व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए सफाई व्यवस्थाओं को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अत्यधिक भीड़ के बावजूद किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। हर 10 शौचालयों में से कम से कम एक शौचालय को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाया जाएगा।
सुरक्षा और मरम्मत व्यवस्था
प्रकाश व्यवस्था और संरचनात्मक सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। शौचालय इकाइयों में गड्ढे, दरारें, कंक्रीट जोड़ों, विद्युत फिटिंग्स, और साइनेज की नियमित जांच की जाएगी। किसी भी प्रकार की क्षति होने पर उसका समय पर समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शौचालय इकाइयां सभी के लिए आसानी से सुलभ स्थानों पर स्थापित हों।
महाकुंभ 2025: स्वच्छता का नया मानक
महाकुंभ 2025 के दौरान स्वच्छता और सुविधाओं को प्राथमिकता देने की यह योजना आयोजन को एक नई पहचान देगी। श्रद्धालु स्वच्छ और सुसज्जित वातावरण में पूजा-अर्चना और स्नान कर सकेंगे। इस तरह की व्यवस्थित स्वच्छता से न केवल आयोजन की सफलता सुनिश्चित होगी, बल्कि देश और दुनिया के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत होगा।