“गाजा युद्ध में महिलाओं की स्थिति और चुनौतियाँ, सुरक्षा और सहायता की आवश्यकता”

गाजा:  गाजा में इजराइल और हमास के बीच एक साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध ने स्थिति को बेहद विकट बना दिया है, और विशेष रूप से महिलाओं के लिए यह समय अत्यधिक चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। युद्ध के कारण न केवल मानव जीवन को भारी नुकसान हुआ है, बल्कि सामाजिक ढांचा भी पूरी तरह से धराशायी हो चुका है। हालात इतने गंभीर हैं कि 90 प्रतिशत लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं और लाखों लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं, जहां से जिंदगी की मूलभूत आवश्यकताएं मिलना भी असंभव हो गया है।

महिलाओं को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राहत शिविरों में उनके पास ना तो प्राइवेसी है, ना कोई सुरक्षित स्थान जहाँ वे अपनी व्यक्तिगत गतिविधियां कर सकें। वे दूसरों के बीच, कभी-कभी अजनबी पुरुषों के साथ भी एक ही टेंट में रह रही हैं, जहां उन्हें न कपड़े बदलने के लिए कोई जगह मिल रही है और न सोने का अलग स्थान। यहां तक कि गाजा में महामारी के संकट के दौरान भी, मेंस्ट्रुअल हाइजीन के लिए ज़रूरी उत्पादों की भारी कमी हो गई है, और महिलाएं कपड़े या पुरानी चादरें इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं।

गाजा में महिलाओं के लिए यह युद्ध पहले से कहीं अधिक संकटपूर्ण हो गया है। यहां महिलाएं, जो आमतौर पर समाजिक पद्धतियों के तहत हिजाब या बुर्का पहनकर बाहर आती थीं, अब आंतरात्मिक शांति के लिए वही कपड़े रात-दिन पहने रहने को मजबूर हैं। युद्ध और डर के माहौल में उन्हें सुरक्षा के लिए अपना पारंपरिक पहनावा बनाए रखने की मजबूरी है, क्योंकि कहीं भी हमलावर हमला कर सकते हैं और महिलाओं को अपनी स्थिति से जूझते हुए अपनी रक्षा करनी पड़ती है।

वर्तमान में, लगभग 690,000 महिलाओं और लड़कियों को मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट्स की आवश्यकता है। स्थानीय केंद्रों द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं की हालत और स्वास्थ्य पर यह संकट बेहद गंभीर हो गया है, और उनका सामना अस्वास्थ्यकर और खतरनाक स्थितियों से हो रहा है। इस पर गाजा के हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि युद्ध के कारण फिलिस्तीन में अब तक 45,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें सबसे अधिक महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गाजा में अस्पतालों पर हमलों की कड़ी निंदा की है, और युद्धविराम की मांग की है ताकि स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल की जा सकें और हज़ारों जख्मी लोगों को इलाज मिल सके। ये कठिन परिस्थितियां न सिर्फ गाजा में रहने वाली महिलाओं के लिए बल्कि समूचे समुदाय के लिए जीवित रहने की चुनौती बन चुकी हैं, और आगे की स्थिति अनिश्चित है।

इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने गाजा में एक स्थायी संघर्ष विराम के लिए दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है, ताकि युद्ध के काले बादल हट सकें और महिलाओं, बच्चों के जीवन को बचाया जा सके।