युजवेंद्र-धनश्री तलाक की अफवाहों पर उर्फी का करारा जवाब, ट्रोलर्स को लताड़ते हुए दिया अनुष्का-विराट का उदाहरण
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और अभिनेत्री ऊर्फी जावेद ने भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा के कथित तलाक की अफवाहों पर अपनी राय व्यक्त की है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर इस जोड़ी के अलगाव को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसी चर्चाएं थीं कि दोनों ने एक-दूसरे को अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से अनफॉलो कर दिया है और साथ में पोस्ट की गई तस्वीरें भी हटा दी हैं।
ऊर्फी जावेद ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर उन वीडियो और पोस्ट्स की निंदा की, जो धनश्री वर्मा को इस कथित अलगाव के लिए दोषी ठहराते हैं। उन्होंने एक वीडियो को रीपोस्ट करते हुए लिखा, “जब भी किसी क्रिकेटर का ब्रेकअप या तलाक होता है, तो लोग महिला को ही दोष देते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि हमारे समाज में क्रिकेटर को हीरो के तौर पर देखा जाता है, और महिलाएं पहले से ही नकारात्मक रूढ़ियों का शिकार होती हैं।”
महिलाओं पर दोष मढ़ने वाली सोच की आलोचना
ऊर्फी ने स्पष्ट किया कि किसी भी रिश्ते के अंदरूनी हालात को बाहर से देख पाना असंभव है। उन्होंने कहा, “हमें यह समझने की ज़रूरत है कि किसी के रिश्ते के व्यक्तिगत पहलुओं को जानना हमारा काम नहीं है। केवल महिलाओं को दोष देना न केवल गलत है, बल्कि यह मानसिकता लैंगिक असमानता को बढ़ावा देती है।”
धनश्री और चहल ने अभी तक तलाक की खबरों की पुष्टि नहीं की है
युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा ने अभी तक सार्वजनिक रूप से अपने रिश्ते की स्थिति को लेकर कुछ नहीं कहा है। हालांकि, दोनों के सोशल मीडिया से जुड़ी गतिविधियों ने अफवाहों को बल दिया है। इसके साथ ही, धनश्री को चहल के कथित रिश्तों के लिए दोषी ठहराने वाली पोस्ट्स और टिप्पणियां सामने आ रही हैं।
चहल और आरजे महवश की अफवाहें
एक और अफवाह में कहा गया कि चहल, रेडियो जॉकी महवश के साथ रिश्ते में हो सकते हैं। 10 जनवरी को महवश ने सार्वजनिक रूप से बयान देते हुए इन दावों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि उनका चहल के साथ किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत संबंध नहीं है।
ऊर्फी की स्पष्टवादी छवि
ऊर्फी जावेद का सोशल मीडिया पर अपनी राय जाहिर करने का अंदाज हमेशा से स्पष्टवादी और निर्भीक रहा है। इस बार भी उन्होंने महिलाओं को दोष देने वाली समाज की सोच के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उनका कहना है कि “समानता और समझ की दिशा में काम करना हम सभी का कर्तव्य है।”
समाज को लैंगिक असमानता के खिलाफ जागरूक करने की जरूरत
ऊर्फी की इस प्रतिक्रिया ने एक बार फिर समाज में गहराई तक बैठी उन पुरानी रूढ़ियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो हर बार महिलाओं को गलत ठहराने पर आमादा रहती हैं। रिश्तों के मामले में दोनों पक्षों को समान रूप से समझने और जिम्मेदार ठहराने की जरूरत है। इस प्रकार के मुद्दे हमें सिखाते हैं कि सार्वजनिक हस्तियों के जीवन में उनकी निजता और गरिमा का आदर किया जाना चाहिए।
ऊर्फी जावेद का यह कदम न केवल अपने विचारों को साझा करने का साहसिक प्रयास है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हमारे समाज में लैंगिक समानता और रूढ़ियों को तोड़ने के लिए कितनी जागरूकता की जरूरत है।