हर घर दस्तक अभियान के बारे में और जागरूकता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय संवाद वेबिनार का आयोजन किया
नई दिल्ली :- एक माह तक चलने वाले हर घर दस्तक अभियान के बारे में और जागरूकता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल मीडिया के लिए एक राष्ट्रीय संवाद वेबिनार का आयोजन किया।
यह अभियान महीने भर चलेगा और इसका उद्देश्य पूरी वयस्क आबादी के लिए कोविड वैक्सीन की पहली खुराक सुनिचित करना और उन लोगों को दूसरी खुराक लेने के लिए प्रेरित करना है, जिन्होंने अभी दूसरी डोज नहीं ली है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डॉ. मनोहर अगनानी ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की वर्तमान टीकाकरण गति को देखते हुए हम विश्वास के साथ दावा कर सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वयस्क टीकाकरण कार्यक्रम इस साल 16 जनवरी को शुरू होने के बाद से अच्छी तरह से चल रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में लगभग 79 प्रतिशत पात्र आबादी को पहला टीका लगाया गया है, जबकि अन्य 38 प्रतिशत को दोनों डोज दी जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि कई राज्यों में शत- प्रतिशत वयस्क आबादी को पहली डोज मिल चुकी है।
डॉ. अगनानी ने विश्वास व्यक्त किया कि देश की वर्तमान वैक्सीन वितरण क्षमता के साथ, जल्द ही पूरी वयस्क आबादी को कवर किया जाएगा।
हर घर दस्तक से तात्पर्य प्रत्येक घर तक पहुंचकर उन व्यस्क पात्र आबादी तक पहुंचना है जिन्होंने पहली डोज नहीं लगवाई है या किन्हीं कारणों से दूसरी डोज लगवानी रह गई है। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर देशभर में पात्र लोगों का टीकाकरण करेंगे। इस अभियान में उन जिलों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा जहां 50 प्रतिशत से कम पात्र लोगों को टीका लगाया गया है।
डॉ. अगनानी ने बताया कि इस अभियान के माध्यम से देश के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता कोविड टीका न लगाने वालों के मुद्दों का समाधान कर रहे हैं।
इस अभियान के जरिए स्थानीय, धार्मिक और सामुदायिक नेताओं तथा केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय, गैर सरकारी संगठनों, एनएसस इत्यादि जैसी अन्य एजेंसियों और संगठनों से संपर्क बनाकर ऐसे लोगों को टीके के लिए प्रेरित करना है जिन्होंने अब तक टीका नहीं लगवाया है।
वेबिनार में भाग ले रहे मीडियाकर्मियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए डॉ. अगनानी ने दोनों डोज लेने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने मीडिया के लोगों से सकारात्मक कहानियों के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने का भी अनुरोध किया। उनके निरंतर सहयोगा का धन्यवाद करते हुए डॉ. अगनानी ने अंतिम छोर तक लड़ाई जारी रखने का अनुरोध किया।