थराली को बाढ़ से बचाने के लिए सीएम धामी ने पिंडर नदी की ड्रेजिंग के दिए आदेश
देहरादून : उत्तराखंड के चमोली जिले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन ने थराली क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पिंडर नदी में ड्रेजिंग का कार्य शुरू कर दिया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस प्रक्रिया के तहत नदी के किनारे के 1280 मीटर हिस्से की ड्रेजिंग की जा रही है, जिससे नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित किया जा सके और थराली शहर को संभावित बाढ़ से बचाया जा सके। प्रशासन का कहना है कि यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर तेजी से पूरा किया जाएगा ताकि स्थानीय निवासियों को किसी भी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रखा जा सके। इस फैसले के बाद थराली के नागरिकों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और जिला प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की है।
यह पहल न केवल शहर की सुरक्षा को मजबूत करेगी बल्कि भविष्य में बाढ़ से होने वाले संभावित नुकसान को भी रोकने में सहायक होगी। ड्रेजिंग के माध्यम से नदी में जमा हुए मलबे को हटाया जा रहा है और जल प्रवाह को सुचारू बनाया जा रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा कम होगा। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह कार्य किया जा रहा है ताकि शहर की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
इसके अलावा, चमोली जिले में हाल ही में मकानों और सड़कों में आई दरारों को लेकर भी प्रशासन सतर्क है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए स्पष्ट किया कि जोशीमठ में प्रसारित वीडियो में दिखाए गए गड्ढे और गिरती दीवारें नई नहीं हैं, बल्कि ये दो साल पुराने हैं। उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद, जिला पंचायत, राज्य सरकार और इंजीनियरों की एक टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया और पाया कि कोई नई दरारें या गड्ढे नहीं बने हैं। उन्होंने स्थानीय निवासियों को आश्वस्त किया कि स्थिति सामान्य है और प्रशासन लगातार इस पर नजर बनाए हुए है।
इसके साथ ही, भारतीय सेना ने 2 मार्च को उत्तराखंड के चमोली जिले के माना क्षेत्र में खोज और बचाव अभियान समाप्त कर दिया। यह अभियान 28 फरवरी को हिमस्खलन में फंसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के श्रमिकों को बचाने के लिए चलाया गया था। प्रशासन और सेना के संयुक्त प्रयासों से राहत कार्य तेजी से पूरा किया गया, जिससे कई श्रमिकों को सुरक्षित निकाला जा सका। इस पूरे घटनाक्रम के बीच राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार आपदा प्रबंधन के तहत सक्रिय बना हुआ है और थराली सहित अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है।