लापरवाही का खामियाजा: भिंड के शासकीय हाई स्कूल के प्राचार्य निलंबित, प्रशासनिक अनियमितताओं पर कलेक्टर की सख्त कार्रवाई

 भिंड:   मध्य प्रदेश के भिंड जिले की लहार तहसील स्थित शासकीय हाई स्कूल जमुहॉ के प्रभारी प्राचार्य माखनलाल शाक्य को गंभीर लापरवाही और कर्तव्य के प्रति उदासीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा एसडीएम विजय सिंह यादव की रिपोर्ट के आधार पर की गई। एसडीएम ने 10 सितंबर को विद्यालय का औचक निरीक्षण किया था, जिसमें कई खामियां उजागर हुईं, जिससे यह कदम उठाया गया।

निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि विद्यालय में दर्ज कुल 144 छात्र-छात्राओं में से केवल 15 ही उपस्थित थे, जो विद्यार्थियों की उपस्थिति में भारी गिरावट को दर्शाता है। इसके अलावा, बच्चों को पढ़ाई के लिए उपयोग होने वाला ब्लैक बोर्ड भी ताले में बंद पाया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि शिक्षण-संबंधी सुविधाओं का समुचित उपयोग नहीं किया जा रहा था।

अधिक चिंता की बात यह थी कि पिछले वर्षों में राज्य सरकार द्वारा स्कूल को विद्यार्थियों के लिए व्यायाम उपकरणों के लिए एक लाख रुपये मूल्य की मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं। हालांकि, ये उपकरण छात्रों को कभी उपलब्ध नहीं कराए गए और उन्हें ताले में बंद एक कमरे में रख दिया गया, जिसकी छत टूटकर गिर चुकी थी। इससे महंगी मशीनें पूरी तरह नष्ट हो चुकी थीं। इन घटनाओं ने विद्यालय प्रशासन की गंभीर अनदेखी और संसाधनों के अपव्यय को उजागर किया।

इन अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए एसडीएम विजय सिंह यादव ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी, जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने माखनलाल शाक्य को निलंबित कर दिया है और उन्हें मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत दोषी पाया गया। निलंबन के दौरान उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में अटैच किया गया है।

यह मामला राज्य के शिक्षा तंत्र में मौजूद खामियों और प्रशासनिक लापरवाहियों को उजागर करता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्रों को उनकी शिक्षा से जुड़े सभी संसाधन मिलें और शिक्षा के स्तर में सुधार हो, प्रशासन द्वारा इस तरह की सख्त कार्रवाई की आवश्यकता होती है। सरकार और शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में सुचारू रूप से पढ़ाई और शिक्षण संबंधी गतिविधियों को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं दोबारा न हों।