भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक को किया निलंबित
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। हाल ही में कलेक्टर सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भ्रष्टाचार के प्रति कड़े निर्देश दिए, जो जमीनी स्तर पर भी प्रभावी नजर आ रहे हैं।
हाल ही में सामने आए एक मामले में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने की घटना ने सरकार का ध्यान आकर्षित किया। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले को मामले की जांच करने के आदेश दिए।
जांच में पाया गया कि पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक, प्रेम प्रकाश शर्मा की लापरवाही उजागर हुई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर बिल्कुल भी सहिष्णुता नहीं बरतेंगे। कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यदि कोई अधिकारी अपने कर्तव्यों में लापरवाह पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सुशासन की ओर अग्रसर है और शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वे लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह घटना इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक ढिलाई के दिन समाप्त हो चुके हैं और अब पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी से काम करने की अपेक्षा की जा रही है।