व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत 5 दिवसीय सेवाकालीन प्रशिक्षण का द्वितीय बैच सफलतापूर्वक संपन्न
नई दिल्ली /रायपुर: भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, स्कूल एवं साक्षरता विभाग, नई दिल्ली के निर्देशन में संचालित व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत 592 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा का संचालन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इस पहल के तहत विभिन्न 10 सेक्टरों—एग्रीकल्चर, रिटेल, हेल्थकेयर, टेलीकॉम, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, ब्यूटी एंड वेलनेस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, ऑटोमोटिव, बीएफएसआई, और आईटी-आईटीईएस—में शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसी क्रम में, व्यावसायिक प्रशिक्षकों के कौशल उन्नयन हेतु 16 मार्च से 20 मार्च 2025 तक विधानसभा के पास नरदहा, रायपुर स्थित क्रुति इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (KITE) में पांच दिवसीय सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़, रायपुर के प्रबंध संचालक श्री संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें ऑटोमोटिव और टेलीकॉम सेक्टर के व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण के प्रथम सत्र की शुरुआत श्री के. कुमार, अतिरिक्त प्रबंध संचालक, समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़, रायपुर के संबोधन से हुई। उन्होंने 2014-15 से लेकर 2024-25 तक राज्य में व्यावसायिक शिक्षा के विस्तार पर चर्चा करते हुए, इंडस्ट्री विजिट, ऑन-जॉब ट्रेनिंग और इंटर्नशिप जैसी व्यावहारिक गतिविधियों की महत्ता पर विशेष जोर दिया। साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूल स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास की अनिवार्यता को भी रेखांकित किया गया।
चतुर्थ दिवस का प्रशिक्षण सत्र पूरी तरह से ऑटोमोटिव और टेलीकॉम सेक्टर के व्यावसायिक प्रशिक्षकों के सैद्धांतिक और प्रायोगिक ज्ञानवर्धन पर केंद्रित रहा। टेलीकॉम विशेषज्ञ डॉ. अंजू अग्रवाल और अभिषेक बुरांडे (राजनांदगांव) ने टेलीकॉम नेटवर्क, ऑप्टिकल फाइबर तकनीक, मोबाइल टावर संरचना और टेलीकॉम नेटवर्क ऑपरेटर की कार्यप्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान, जियो नेटवर्क विशेषज्ञों और व्यावसायिक प्रशिक्षक श्री खेमेंद्र चंद्राकर के नेतृत्व में ऑप्टिकल फाइबर स्प्लाइसिंग की व्यावहारिक ट्रेनिंग दी गई। इस सत्र में फाइबर ऑप्टिक को स्प्लाइसिंग के लिए तैयार करने की प्रक्रिया—स्ट्रिपिंग, क्लीनिंग, क्लीविंग और फ्यूजन स्प्लाइसिंग की बारीकियों को प्रायोगिक रूप से समझाया गया।
ऑटोमोटिव सेक्टर के सत्र में मास्टर ट्रेनर श्री सतवंत सिंह द्वारा ऑटोमोबाइल उद्योग के इतिहास, सड़क सुरक्षा नियमों और ऑटोमोबाइल सिस्टम (कूलिंग सिस्टम, इग्निशन सिस्टम, लाइटिंग सिस्टम, लुब्रिकेशन सिस्टम) की कार्यप्रणाली को समझाया गया। इसके अतिरिक्त, इंजन के विभिन्न घटकों और उनके उपयोग पर विशेष व्याख्यान दिया गया। ऑटोमोटिव प्रायोगिक सत्र के दौरान आईसी इंजन, ब्रेकिंग सिस्टम, स्टीयरिंग सिस्टम, कूलिंग सिस्टम और ट्रांसमिशन सिस्टम की गहराई से जानकारी दी गई, जिससे प्रशिक्षकों को इन तकनीकों को व्यावहारिक रूप से समझने का अवसर मिला।
समापन सत्र में सहायक संचालक, व्यावसायिक शिक्षा, समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़, श्रीमती मंजुलता साहू ने सेवाकालीन प्रशिक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए प्रशिक्षकों से फीडबैक प्राप्त किया। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान अर्जित ज्ञान और अनुभवों को विद्यार्थियों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि राज्य में व्यावसायिक शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। इस तरह, पांच दिवसीय यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल तकनीकी ज्ञान में वृद्धि का माध्यम बना, बल्कि व्यावसायिक प्रशिक्षकों के लिए नए अनुभवों और अवसरों का द्वार भी खोला।