RG Kar Hospital Case: संजय रॉय को दोषी ठहराकर, सुनाई उम्रकैद की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना
कोलकाता : सियालदह अदालत ने शनिवार को संजय रॉय को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार दिया। यह फैसला एक ऐसे जघन्य अपराध के बाद आया, जिसने पूरे देश में गहरा आक्रोश पैदा किया और कई महीनों तक विरोध प्रदर्शन जारी रहे। मामले में पीड़िता, एक 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक, की हत्या के बाद संजय रॉय की गिरफ्तारी 10 अगस्त 2024 को हुई थी। अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने रॉय को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं—64 (दुष्कर्म), 66 (अत्याचार) और 103(1) (हत्या)—के तहत दोषी ठहराया।
संजय रॉय को अदालत ने दोपहर 2:45 बजे उम्रकैद की सजा सुनाई, साथ ही 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इसके अलावा, पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाने का आदेश दिया गया, और मृतक के माता-पिता ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की थी। अदालत ने इस मामले को दुर्लभतम अपराध नहीं माना, लेकिन इस घटना के कारण राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश और गुस्सा देखा गया था।
संजय रॉय का कहना था कि उसे झूठे आरोपों में फंसाया गया है, लेकिन सीबीआई ने इसे अत्यधिक गंभीर अपराध माना और अदालत से कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध किया। संजय रॉय के वकील ने कहा कि मामले में सुधार की संभावना है, हालांकि वह जानते थे कि अदालत को यह फैसला देते वक्त उसके अपराध की गंभीरता और दुष्कर्म और हत्या के आरोपी के रूप में उसके द्वारा किए गए कृत्य को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना पड़ेगा।
यह मामला एक उदाहरण है कि अपराधी चाहे जैसे शातिर क्यों न हो, वह अपने कृत्य को छुपाने की कोशिश करेगा, लेकिन अपराध के पीछे जुड़ी हुई छिपी हुई सामग्री और विश्लेषण से उसे पकड़ा जा सकता है। कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्यायालय समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे जघन्य अपराधियों को कठोर दंड देने के लिए प्रतिबद्ध है।