महिला सशक्तिकरण की प्रतीक सावित्रीबाई फुले को याद करते हुए पीएम मोदी, अमित शाह और अन्य नेताओं ने अर्पित की श्रद्धांजलि
नई दिल्ली : देश की पहली महिला शिक्षिका और समाज सुधार के पथ पर अग्रणी, सावित्रीबाई फुले की जयंती पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत कई प्रमुख नेताओं ने अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सावित्रीबाई फुले को याद करते हुए एक प्रेरक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, “सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि। वह न केवल महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं, बल्कि शिक्षा और सामाजिक सुधारों की दिशा में भी उन्होंने अद्वितीय योगदान दिया है। उनकी मेहनत और त्याग ने समाज के पिछड़े वर्गों को प्रगति का मार्ग दिखाया है। वह हमें प्रेरित करती हैं कि हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चित करें।”
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संदेश में सावित्रीबाई के योगदान को नमन करते हुए कहा कि “नारी शिक्षा और सामाजिक समानता के क्षेत्र में उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।” उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई ने नारी विरोधी कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़कर महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की नई परिभाषा गढ़ी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें “क्रांति-ज्योति” कहते हुए लिखा, “उन्होंने वंचित और पीड़ित समाज के लिए शिक्षा का मार्ग खोला और उनकी आवाज बुलंद की। उनके योगदान ने हमें सामाजिक न्याय का सशक्त आधार दिया।”
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सावित्रीबाई को नमन करते हुए लिखा, “उन्होंने न केवल महिला शिक्षा को सशक्त बनाया, बल्कि जातिगत भेदभाव के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी। उनका जीवन सामाजिक समता और न्याय के लिए समर्पित था। उनकी सोच और कार्य हमें प्रेरित करते रहेंगे।”
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उन्हें “महान शिक्षिका और समाजसेविका” कहकर नमन किया। उन्होंने कहा, “उनके योगदान ने महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से सशक्त बनाया और हमारे समाज को बेहतर दिशा में ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया।”
सावित्रीबाई फुले ने अपने जीवन में शिक्षा को समाज सुधार का सबसे सशक्त माध्यम बनाया। उन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त अज्ञानता और असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने ना केवल महिलाओं बल्कि दलितों और वंचित वर्गों को शिक्षा का अधिकार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता, नारी अधिकारों के लिए संघर्ष, और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कठोर अभियान आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उनकी विचारधारा और उनके योगदान को नमन करते हुए, भारत उनके महान कार्यों को कभी नहीं भुला सकेगा।