“पाकिस्तान सरकार से वार्ता के लिए पीटीआई तैयार, हामिद रजा को प्रवक्ता बनाया”
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अदियाला जेल में अपने वकीलों से एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) पार्टी के लिए वार्ता समिति के प्रवक्ता के रूप में साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा, जो सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) के प्रमुख हैं, को नामित किया। इमरान खान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस बारे में जानकारी दी, जहां उन्होंने रजा के नेतृत्व में पार्टी की वार्ता समिति के प्रयासों की सराहना की। यह कदम पाकिस्तान सरकार और इमरान खान की पार्टी के बीच होने वाली वार्ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
पूर्व पीएम ने कहा कि अगर सरकार PTI की प्रमुख मांगों को स्वीकार करती है, तो पार्टी सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर सकती है। इमरान खान ने दो मुख्य मांगों का उल्लेख किया: पहले, सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए और दूसरी, 9 मई और 26 नवंबर की घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर ये मांगें पूरी होती हैं, तो उनकी पार्टी आंदोलन को रोकने के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने आशंका व्यक्त की कि सरकार इन मांगों को नजरअंदाज करने का प्रयास कर सकती है।
इसके अलावा, इमरान खान ने सैन्य अदालतों द्वारा दिए गए फैसलों को असंविधानिक करार दिया और कहा कि ये फैसले पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि देश में इसी तरह के फैसले होते रहे, तो पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की सैन्य अदालतें, जिनके फैसले अपील के बिना होते हैं, न केवल लोकतंत्र बल्कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और कानून के शासन को भी गंभीर रूप से खतरे में डालती हैं।
पूर्व पीएम ने पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर भी टिप्पणी की और कहा कि यह वह समय है जब देश को आंतरिक और बाहरी निवेश के लिए एक स्वतंत्र न्यायपालिका और मजबूत कानूनी शासन की आवश्यकता है। इमरान खान ने कहा कि विदेशी निवेश न तो आ सकता है और न ही देश के लोग अपनी पूंजी में विश्वास रखते हैं क्योंकि देश में न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है और कानून का पालन नहीं किया जा रहा है।
इमरान खान के बयान ने पाकिस्तान की राजनीतिक और न्यायिक व्यवस्था में गहरी हलचल मचाई है और यह आशंका जताई गई है कि इन मुद्दों का समाधान मुश्किल हो सकता है। वहीं, उनकी पार्टी पीटीआई के नेतृत्व का कहना है कि यदि सरकार गंभीरतापूर्वक बातचीत और सुधार के प्रयासों में शामिल होती है, तो पाकिस्तान में शांति और विकास की दिशा में प्रगति संभव हो सकती है।