प्रधानमंत्री ने बेंगलुरू टेक सम्मेलन में कहा – सरकार प्रौद्योगिकी के माध्यम से विकास के लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में सक्षम है
नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत इस अनूठी स्थिति में है कि वह सूचना के इस युग में विश्व के देशों से आगे निकल सकता है। आज बेंगलुरू टेक सम्मेलन का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में डिजाइन किए गए तकनीकी समाधानों को विश्व में पहुंचाया जाए।
उन्होंने कहा कि भारत के पास सर्वश्रेष्ठ दिमाग और सबसे बड़ा बाजार है तथा भारतीय प्रौद्योगिकी की विश्व में पैठ बनाने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय उत्पादों के वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के कुछ उदाहरणों का जिक्र किया। यूपीआई प्लेटफॉर्म की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इससे हर कोई डिजिटल भुगतान कर सकता है और पिछले महीने इस प्लेटफॉर्म के जरिए दो अरब वित्तीय लेनदेन हुआ।
ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिए तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद समाप्त करने और लोगों को सशक्त करने की दिशा में स्वामित्व योजना एक ऐसी ही पहल है जिसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मालिकाना हक प्रदान किया जाता है।
सरकारी कार्यक्रमों को तेजी से पहुंचाने और पारदर्शिता को प्रोत्साहित देने में प्रौद्योगिकी की मदद का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से उठाए गए तकनीकी कदमों से कैसे प्रशासन के लाभ को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि चाहे विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम आयुष्मान भारत हो या गरीबों तक बिजली पहुंचाना और उन्हें आवास दिलाना हो, इनके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए तकनीकी समाधान निकालना उनकी सरकार की नीति है।
प्रधानमंत्री ने आईटी नवोन्मेष और अन्य प्रौद्योगिकी उद्योगों को उदारवादी नीति का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने युवा प्रतिभाओं से डेटा और आईटी आधारित उत्पादों की सुरक्षा के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा समाधान निकालने का आह्वान किया।
उन्होंने एक मजबूत डेटा प्रबंधन ढांचे पर जोर दिया। रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की भूमिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक विवाद, तकनीकी नवाचार पर आधारित है जिसमें डेटा विश्लेषण की अहम भूमिका है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरेसन और स्विटजरलैंड के उपराष्ट्रपति गाय परमिलन इस समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में 75 परिचर्चाओं में चार हजार प्रतिनिधि, दो सौ सत्तर वक्ता भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में 25 देशों के विचारक, उद्योगपति, टेक्नोक्रेट, शोधकर्ता, निवेशक, नीति निर्माता तथा शिक्षाविद् हिस्सा ले रहे हैं।
सम्मेलन के दौरान कई देशों के साथ 12 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे जिससे कर्नाटक में निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। दो सौ से अधिक भारतीय कम्पनियां वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन में अपनी प्रदर्शनी लगा रही हैं। लगभग 50 भारतीय टेक र्स्टाटअप भी इस दौरान यूरोपीय कंपनियों के सामने अपनी प्रोद्यौगिकी का प्रदर्शन कर रहे हैं।