प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संगम स्नान: गंगा पूजन, सूर्य अर्घ्य और साधु-संतों से मुलाकात
प्रयागराज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाई, जहां उन्होंने पारंपरिक तरीके से गंगा पूजन और सूर्य अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान उन्होंने भगवा रंग के वस्त्र धारण किए हुए थे और उनके गले व हाथों में रुद्राक्ष की कई मालाएं थीं, जो आध्यात्मिकता और भारतीय परंपराओं के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शा रही थीं। मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री ने संगम में अकेले डुबकी लगाई और इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। करीब पांच मिनट तक उन्होंने मंत्र जाप के साथ सूर्य पूजा की और गंगा नदी के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की।
संगम स्नान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम नोज पर विधिवत गंगा पूजन किया और श्रद्धा के साथ गंगा को दूध अर्पित किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे। प्रधानमंत्री का यह दौरा लगभग ढाई घंटे का रहेगा, जिसके दौरान वे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगे और संभवतः साधु-संतों से मुलाकात करेंगे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, मेले में भक्तों की बढ़ी संख्या
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने प्रयागराज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। संगम क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात किया गया ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। मेले में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो।
प्रधानमंत्री का यात्रा कार्यक्रम: हेलिकॉप्टर से अरैल घाट तक का सफर
प्रधानमंत्री मोदी का विमान बमरौली एयरपोर्ट पर उतरा, जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से वे हेलिकॉप्टर के जरिए डीपीएस के हैलिपैड पहुंचे, जहां से उनका काफिला अरैल के VIP घाट की ओर बढ़ा। यहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उन्होंने नाव के जरिए संगम तक का सफर किया। प्रधानमंत्री के इस दौरे को खास बनाते हुए प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि उनके आगमन के दौरान आम श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। इसलिए उनकी यात्रा को हेलिकॉप्टर और बोट के माध्यम से तय किया गया, जिससे भीड़भाड़ कम रहे और यातायात सुचारू बना रहे।
महाकुंभ में पीएम मोदी की दूसरी यात्रा
यह प्रधानमंत्री मोदी का 54 दिनों में महाकुंभ का दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 13 दिसंबर को भी प्रयागराज आए थे और यहां धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया था। उनकी इस यात्रा को लेकर संत समाज और श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला। प्रधानमंत्री का संगम स्नान और गंगा पूजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसे भारतीय परंपराओं और आध्यात्मिकता के प्रति उनकी गहरी आस्था के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस पावन स्नान को लेकर प्रयागराज का माहौल भक्तिमय हो गया है। मेले में आए श्रद्धालु प्रधानमंत्री को अपने बीच देखकर उत्साहित हैं और संगम तट पर इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन रहे हैं। उनका यह दौरा धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों को राष्ट्रीय फलक पर प्रमुखता देने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।