प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल में पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन सहित विभिन्न रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की
नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मध्य प्रदेश के भोपाल में विभिन्न रेलवे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इनमें पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के अलावा गेज-परिवर्तित और विद्युतीकृत उज्जैन-फतेहाबाद चंद्रावतीगंज ब्रॉड गेज खंड, भोपाल-बरखेड़ा खंड में तीसरी लाइन, गेज- परिवर्तित तथा विद्युतीकृत मथेला-निमाड़ खीरी ब्रॉड गेज खंड और विद्युतीकृत गुना-ग्वालियर खंड शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने उज्जैन-इंदौर के बीच दो नई एमईएमयू ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भोपाल के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का न केवल कायाकल्प हुआ है, बल्कि रानी कमलापतिजी का नाम जुड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है। आज गोंडवाना के गौरव में भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है। प्रधानमंत्री ने आधुनिक रेलवे परियोजनाओं को समर्पित किए जाने को गौरवशाली इतिहास और समृद्ध आधुनिक भविष्य का संगम बताया।
मोदी ने कहा कि इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश के लोगों को लाभ होगा। उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस पर लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे इस बात का उदाहरण है कि भारत कैसे बदल रहा है और सपने कैसे सच हो सकते हैं। छह-सात साल पहले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था और उन्होंने स्थिति के बदलने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन, जब देश अपने संकल्पों की पूर्ति के लिए ईमानदारी से जुटता है, तब सुधार आता है और परिवर्तन होता है, यह पिछले वर्षों से लगातार सामने आ रहा है।
मोदी ने कहा कि आज देश का पहला आईएसओ प्रमाणित और पहला सार्वजनिक-निजी-भागीदारी मॉडल आधारित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट पर मिलती थीं, वे अब रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए न केवल सर्वाधिक निवेश कर रहा है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि परियोजनाओं में देरी न हो और कोई बाधा न आए।
उन्होंने कहा कि हाल में शुरू किया गया प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान देश को इस संकल्प को पूरा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पहले जहां योजनाओं को पूरा करने में काफी समय लगता था वहीं अब भारतीय रेलवे नई परियोजनाओं की योजना बनाने में तत्परता दिखा रहा है और उन्हें समय पर पूरा कर रहा है।
मोदी ने कहा कि भारतीय रेल न केवल दूरियों को जोड़ने का माध्यम है, बल्कि यह देश की संस्कृति, पर्यटन और तीर्थ स्थलों को जोड़ने का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम बनता जा रहा है। आजादी के इतने दशकों के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर भारतीय रेलवे की इस क्षमता का इस्तेमाल किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार जन-सामान्य को किफायती दर पर पर्यटन और तीर्थाटन का अवसर मिला है। रामायण सर्किट ट्रेन इसी प्रकार का एक नवाचार प्रयास है। मोदी ने इस परिवर्तन की चुनौती को स्वीकार करने और उसे कर के दिखाने के लिए रेलवे को बधाई दी।
इस अवसर पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने इससे पहले जम्बूरी मैदान में जनजातीय गौरव दिवस महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद देश में जनजातीय गौरव दिवस पर पहली बार इतने बड़े पैमाने पर देश के समूचे जनजातीय समाज की कला-संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान और राष्ट्र निर्माण को सम्मान तथा गौरव के साथ याद किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा कर्त्तव्य है कि हम स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों के योगदान पर आधारित प्रेरणादायी कथाओं को देश के सामने प्रस्तुत करें और नई पीढियों को इनसे अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि चाहे महारानी गौंड महारानी दुर्गावती की बहादुरी हो या रानी कमलापति का बलिदान, देश उन्हें कभी नहीं भूल सकता। बहादुर भीलों के बिना वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती।
मोदी ने इस अवसर पर जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की शुरूआत की। इनमें मध्य प्रदेश में राशन आपके ग्राम योजना शामिल है। उन्होंने मध्य प्रदेश सिकल सैल मिशन की भी शुरूआत की और देश में 50 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखी।