प्रधानमंत्री मोदी का रोजगार मेला: 71,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र के साथ सरकारी नौकरी में नया अध्याय
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘रोजगार मेला’ के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में चयनित 71,000 से अधिक नए कर्मियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, पीएम मोदी ने युवाओं और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन उनके जीवन की एक नई शुरुआत का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने इस मेला को युवाओं के सपनों को साकार करने और देश के विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम बताया।
उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि बीते दस वर्षों में केंद्र सरकार ने युवाओं को सरकारी नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया है। इसका प्रमाण यह है कि पिछले डेढ़ साल में लगभग दस लाख युवाओं को सरकारी सेवाओं में शामिल किया गया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा कर रही है, बल्कि देश में रोजगार के नए मानदंड स्थापित कर रही है।
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज का युवा आत्मविश्वास से भरा हुआ है और हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहा है। उन्होंने भारत की उपलब्धियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि चाहे वह अंतरिक्ष हो, रक्षा हो, पर्यटन हो, या वेलनेस उद्योग हो, भारत तेजी से प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि सच्चा विकास तभी संभव है जब देश के ‘युवा प्रतिभा’ को सही दिशा मिले और इसे निखारने की जिम्मेदारी शिक्षा व्यवस्था पर है।
प्रधानमंत्री ने आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि आज की शिक्षा प्रणाली छात्रों को नए अवसर और नवाचार के लिए प्रेरित कर रही है। अटल टिंकरिंग लैब्स और पीएम स्कूलों जैसे पहलुओं ने देश में एक इनोवेटिव सोच के माहौल को बढ़ावा दिया है। इसके माध्यम से बच्चों में बचपन से ही रचनात्मक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने महिलाओं की भागीदारी पर भी विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि आज हजारों बेटियों को भी सरकारी नियुक्ति-पत्र प्रदान किए गए हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन महिलाओं की सफलता अन्य महिलाओं को प्रेरित करेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
भाषा के महत्व को समझाते हुए पीएम मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि शिक्षा में पहले भाषा की सीमाएं एक बड़ी बाधा थीं। लेकिन अब, भारत की नई नीतियां छात्रों को 13 भाषाओं में परीक्षा देने का विकल्प प्रदान करती हैं। यह पहल न केवल शिक्षा तक पहुंच को आसान बना रही है बल्कि हाशिए पर मौजूद समुदायों के बच्चों को भी सशक्त कर रही है।
प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि यह लक्ष्य प्राप्त करना पूरी तरह संभव है। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और इस उपलब्धि का श्रेय हमारे युवाओं की क्षमता और प्रतिभा को जाता है। इस अवसर पर उन्होंने हर क्षेत्र में युवा सशक्तिकरण और महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री के इस प्रेरणादायक संबोधन ने युवाओं में आत्मविश्वास का संचार किया और देश के भविष्य को साकार करने के प्रति एक नई ऊर्जा का संचार किया। रोजगार मेला ने न केवल हजारों परिवारों में खुशी और उत्साह की लहर पैदा की, बल्कि इसे भारत की समृद्ध और समावेशी विकास यात्रा में एक और मील का पत्थर साबित किया।