पद्म पुरस्कार 2025: संगीत जगत की उपेक्षा और सोनू निगम की नाराजगी पर चर्चा

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की, जिसमें 139 प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया गया। इन सम्मानितों में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण, और 113 पद्म श्री शामिल हैं। इस साल संगीत जगत के दो दिग्गज कलाकारों, बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा (मरणोपरांत) और लोकप्रिय गायक अरिजीत सिंह को पद्म विभूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया गया। हालांकि, इन घोषणाओं के तुरंत बाद चर्चित गायक सोनू निगम ने इस सूची पर सवाल उठाते हुए कई वरिष्ठ और सम्मानित गायकों की उपेक्षा की ओर इशारा किया।

सोनू निगम ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि संगीत जगत के कुछ महानायक, जिनकी रचनाएं आज भी जन-जन में गूंजती हैं, उन्हें अभी तक उचित सम्मान नहीं मिला है। सोनू ने किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, अलका याग्निक, श्रेया घोषाल, और सुनिधि चौहान का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने यह चिंता जताई कि जहां मरणोपरांत पुरस्कार दिए जा रहे हैं, वहीं कई ऐसे जीवित कलाकार हैं जिन्होंने अपने लंबे करियर में अद्वितीय योगदान दिया है लेकिन अभी तक उन्हें सम्मानित नहीं किया गया।

सोनू निगम ने यह भी कहा कि अलका याग्निक, जिन्होंने भारतीय संगीत उद्योग में दशकों तक राज किया है, और श्रेया घोषाल, जिन्होंने अपने सुरों से लाखों दिल जीते हैं, अब भी ऐसे सम्मानों की प्रतीक्षा कर रही हैं। उन्होंने सुनिधि चौहान के बारे में भी कहा कि उनकी ऊर्जा और अनूठी आवाज ने एक पीढ़ी को प्रभावित किया है, लेकिन उन्हें अभी तक वह स्थान नहीं मिला जिसकी वे हकदार हैं।

पद्म पुरस्कार चयन प्रक्रिया पर सोनू की राय

पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है और यह तीन श्रेणियों में दिया जाता है: पद्म विभूषण, पद्म भूषण, और पद्म श्री। इन पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया पद्म पुरस्कार समिति द्वारा की जाती है, जिसका गठन प्रधानमंत्री द्वारा हर साल किया जाता है। समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करते हैं, और इसमें गृह सचिव, राष्ट्रपति के सचिव, और चार से छह अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं।

सोनू निगम ने अपने बयान में यह सुझाव दिया कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे उन कलाकारों को भी मान्यता मिल सके, जिन्होंने संगीत के माध्यम से भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया है।

सोनू निगम: संगीत जगत का चमकता सितारा

सोनू निगम को “मॉडर्न रफी” के नाम से जाना जाता है। 2022 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उनके शानदार करियर की शुरुआत 1992 में टीवी धारावाहिक तलाश के गाने हम तो छैला बन गए से हुई थी। उन्होंने हिंदी, कन्नड़, बंगाली, मराठी, तेलुगु, तमिल, उड़िया, अंग्रेजी, असमिया, मलयालम, गुजराती, भोजपुरी, मैथिली और अन्य भाषाओं में गाने गाए हैं। मैं हूं ना, कभी अलविदा ना कहना, और जाने नहीं देंगे तुझे जैसे गानों ने उन्हें हर पीढ़ी का प्रिय बना दिया है।

सोनू निगम के इस बयान ने न केवल संगीत प्रेमियों के बीच चर्चा पैदा की है बल्कि यह एक बड़ी बहस का भी कारण बना है कि क्या पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया को और अधिक संतुलित करने की जरूरत है।