ऑपरेशन अमानत: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की तत्परता से यात्री को मिला खोया हुआ कीमती बैग
रायपुर : भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई पहल ‘ऑपरेशन अमानत’ यात्रियों को यात्रा के दौरान छूटे हुए सामान को वापस दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) इस अभियान के तहत ट्रेनों और रेलवे परिसरों में मिलने वाले लावारिस सामान की पहचान कर उसे उसके सही हकदार तक पहुँचाने का कार्य करता है। इसी क्रम में, 14 फरवरी 2025 को रेलवे सुरक्षा बल रायपुर को एक यात्री द्वारा रेल मदद सेवा के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि गाड़ी संख्या 18425 पुरी-दुर्ग एक्सप्रेस में उनका बैग छूट गया है। सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने सक्रियता दिखाते हुए त्वरित कार्रवाई की।
जब यह ट्रेन दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुँची, तो सहायक उप निरीक्षक निरंजन ने यात्री द्वारा बताए गए बी-02 कोच के बर्थ नंबर 19 पर जाकर जाँच की, जहाँ एक काला बैग पड़ा मिला। बैग को बरामद कर उसे सुरक्षा बल के पोस्ट में सुरक्षित रख लिया गया। उसी दिन, एक व्यक्ति रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट, दुर्ग पहुँचा और उसने अपना नाम तरुण सिंह रघुवंसी (पिता – राम सिंह रघुवंसी, उम्र 37 वर्ष, निवासी ग्राम खमतरा, पोस्ट पहरुवा खमतरा, जिला कटनी) बताया। यात्री ने बताया कि वह भुवनेश्वर से रायपुर तक यात्रा कर रहा था और रायपुर स्टेशन पर उतरते समय जल्दबाजी में अपना बैग बर्थ पर ही भूल गया।
बैग में कीमती लैपटॉप, एक जोड़ी चश्मा, दवाइयाँ और अन्य महत्वपूर्ण सामान थे, जिनकी अनुमानित कीमत ₹1,50,000/- थी। रेलवे सुरक्षा बल ने यात्री की पहचान और उनके दावे का सत्यापन किया। सभी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद, सहायक उप निरीक्षक निरंजन ने यात्री को उनका बैग और उसमें रखे सभी सामान सही-सलामत सौंप दिए। अपना बैग सुरक्षित वापस पाकर यात्री ने भारतीय रेलवे और आरपीएफ टीम का हृदय से आभार व्यक्त किया और कहा कि यह पहल यात्रियों के लिए बहुत ही लाभकारी है, क्योंकि यात्रा के दौरान जल्दबाजी में छूटे सामान को वापस पाना आमतौर पर मुश्किल होता है।
ऑपरेशन अमानत के तहत रेलवे सुरक्षा बल लगातार यात्रियों की सहायता कर रहा है और इस प्रकार की घटनाओं में उनकी तत्परता यह दर्शाती है कि भारतीय रेलवे न केवल यात्रियों की यात्रा को सुरक्षित बनाता है, बल्कि उनके सामान की सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। इस प्रकार की पहल यात्रियों के बीच रेलवे के प्रति विश्वास और सुरक्षा की भावना को और अधिक मजबूत करती है।