कभी प्रतिद्वंद्वी, अब मेज पर साथ: जुकरबर्ग और ट्रंप की मुलाकात पर चर्चा
वॉशिंगटन : डोनाल्ड ट्रंप और मार्क जकरबर्ग के बीच फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो एस्टेट पर हालिया डिनर ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और टेक जगत में नई चर्चाओं को जन्म दिया है। चार साल पहले, जब डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में हार का सामना किया और इसके बाद कैपिटल हिल हिंसा हुई, तो फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने ट्रंप पर प्रतिबंध लगा दिया था। मेटा के मालिक मार्क जकरबर्ग द्वारा किए गए इस कदम ने दोनों के रिश्तों में खटास डाल दी थी।
कैपिटल हिल की घटना के बाद, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने ट्रंप के खातों को सस्पेंड कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप ट्रंप ने अपने प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल को लॉन्च किया। यह कदम न केवल सोशल मीडिया स्वतंत्रता पर बहस का केंद्र बना, बल्कि ट्रंप और मेटा के बीच संबंधों को भी चुनौतीपूर्ण बना दिया। इन घटनाओं ने जकरबर्ग और ट्रंप के बीच दूरियां बढ़ाईं, जिससे यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
मार्क जकरबर्ग और डोनाल्ड ट्रंप के बीच इस डिनर को जकरबर्ग द्वारा ट्रंप के साथ संबंध सुधारने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। मेटा के प्रवक्ता ने इस मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए कहा कि जकरबर्ग इस न्योते के लिए आभारी हैं। यह भी बताया गया कि जकरबर्ग ने डिनर के दौरान ट्रंप को कई प्रस्ताव दिए, जो अमेरिका के राष्ट्रीय नवीनीकरण और नवोन्मेष को बढ़ावा देने पर केंद्रित थे।
जकरबर्ग का तटस्थ रवैया इस बार के राष्ट्रपति चुनावों में चर्चा का विषय रहा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने ट्रंप से मुलाकात के जरिए राजनीतिक दृष्टिकोण को लेकर एक संतुलित रुख अपनाने की कोशिश की है। जकरबर्ग के इस कदम को टेक और राजनीति के बीच एक नया सेतु बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
डिनर में एलन मस्क की संभावित भागीदारी को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। मस्क और जकरबर्ग के बीच का रिश्ता भी कई बार विवादों में रहा है। हाल ही में, मस्क ने जकरबर्ग को एक ‘केज फाइट’ के लिए चुनौती दी थी, जो मजाक और चर्चा का विषय बन गया। हालांकि, उस समय इस आयोजन पर सहमति नहीं बन पाई थी।
मार्क जकरबर्ग का यह कदम अमेरिकी नवाचार और प्रौद्योगिकी के भविष्य के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मेटा के प्रवक्ता के अनुसार, यह समय अमेरिका में टेक्नोलॉजी और राष्ट्रीय नवीनीकरण के लिए सबसे अहम है। यह मुलाकात इस बात का संकेत देती है कि जकरबर्ग भविष्य में ट्रंप प्रशासन के साथ काम करने की संभावनाओं पर विचार कर सकते हैं।
यह डिनर केवल ट्रंप और जकरबर्ग के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश नहीं है, बल्कि यह टेक्नोलॉजी और राजनीति के बीच तालमेल को मजबूत करने की एक नई शुरुआत भी हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुलाकात का असर मेटा और ट्रंप के आगामी कदमों पर कैसे पड़ता है और क्या यह मुलाकात टेक और राजनीति के नए युग की शुरुआत करेगी।