कलेक्टर के आदेश पर अवैध धान बिक्री पर रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई

रायपुर :  रायपुर जिले में कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के सख्त मार्गदर्शन में अवैध धान की बिक्री और भंडारण पर लगातार कार्रवाई हो रही है। प्रशासन ने इस दिशा में अब तक 19 प्रकरण दर्ज किए हैं और कुल 442.60 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है। यह कार्रवाई न केवल अवैध व्यापार को नियंत्रित करने का प्रयास है, बल्कि कृषि और मंडी अधिनियम का पालन सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

जिले के विभिन्न स्थानों पर अवैध धान भंडारण और बिक्री में संलिप्त पाए गए लोगों पर कार्रवाई की गई है। इनमें सारागांव खरीदी केंद्र में वीरनारायण देवांगन, गणेश राम साहू और सौरभ ट्रेडर्स, नवापारा में अमित सोनी, पारागांव में संजय यादव, कुर्रा में हरिराम साहू, सांई ट्रेडर्स, माता राजिम ट्रेडर्स, सेम्हरा में सेवक राम साहू, तर्री में तुलाराम किराना स्टोर्स, आरंग में भरत साहू, भोथली में बंधु जनरल स्टोर्स, गुल्लू में दिनेश ट्रेडर्स, तुलसी में सोनू अग्रवाल, तरपोंगी में उमेंद्र वर्मा, मोहंदा में राम कल्याण पटेल, सरारीडीह में रामनांद देवांगन, पलौद में रूपेंद्र साहू और सातपारा में जितेंद्र यादव पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण

प्रशासन ने ऐसे व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की है जो निर्धारित क्रय सीमा से अधिक धान खरीदकर उसे अवैध रूप से भंडारित कर रहे थे। कई मामलों में व्यापारी बिना अनुज्ञा पत्र, मंडी शुल्क, या कृषक कल्याण शुल्क का भुगतान किए धान का परिवहन या बिक्री कर रहे थे। समर्थन मूल्य और बोनस के जरिए 3100 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ लेने वाले ऐसे मामलों में भी मंडी अधिनियम के तहत कठोर कदम उठाए गए हैं।

जिन व्यापारियों और व्यक्तियों ने निर्धारित विक्रय स्थलों के बजाय अन्यत्र विक्रय किया, उन पर भी कार्रवाई की गई। मंडी द्वारा फुटकर व्यापारियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है ताकि अवैध गतिविधियों को समय पर रोका जा सके।

प्रशासन की सख्ती और संदेश

कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के नेतृत्व में यह कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि प्रशासन अवैध व्यापार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहा है। यह कदम न केवल किसानों के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि कृषि और मंडी अधिनियम का पालन सुनिश्चित कर बाजार में पारदर्शिता लाने का प्रयास भी है।

इस कार्रवाई से जिले में अवैध धान व्यापारियों को एक कड़ा संदेश गया है और किसानों को भरोसा हुआ है कि प्रशासन उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।