कोविड-19 का नया रूप: 27 देशों में फैला खतरनाक वेरिएंट, जानें इसके प्रभाव और बचाव के उपाय
नई दिल्ली : कोरोना वायरस का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। जैसे ही दुनिया मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को लेकर सतर्क हो रही थी, कोविड-19 ने एक बार फिर से अपनी वापसी दर्ज कराई है। इस बार एक नए और तेजी से फैलने वाले वेरिएंट, एक्सईसी (XEC), ने दुनिया के 27 देशों में संक्रमण फैलाना शुरू कर दिया है। इस वेरिएंट का सबसे पहले जून 2024 में जर्मनी में पता चला और तब से यह यूके, यूएस, डेनमार्क, पोलैंड, नॉर्वे, लक्जमबर्ग, यूक्रेन, पुर्तगाल, चीन सहित अन्य देशों में भी फैल चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह वेरिएंट पहले से मौजूद ओमिक्रॉन वेरिएंट का ही एक हाइब्रिड रूप है, जो तेजी से फैलने की क्षमता रखता है।
कैसे फैला यह वेरिएंट और कितना खतरनाक है?
XEC वेरिएंट की पहचान सबसे पहले जर्मनी में हुई थी और इसके बाद इसने यूरोप और अन्य देशों में तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वेरिएंट ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स KS.1.1 और KP.3.3 का हाइब्रिड है, जिसे FLiRT वेरिएंट भी कहा जाता है। पिछले दो वर्षों में ओमिक्रॉन और इसके सब-वेरिएंट्स ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के फैलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस नए वेरिएंट की संक्रामकता ज्यादा है, हालांकि अभी तक इसे गंभीर रोगों के कारण के रूप में नहीं देखा गया है।
डॉ. एरिक टोपोल, जो कैलिफोर्निया स्थित स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के निदेशक हैं, ने चिंता व्यक्त की है कि यह वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा, “अगस्त के महीने में कई यूरोपीय देशों में इस वेरिएंट से संक्रमण की दर काफी अधिक थी, कोविड मामलों के 10 प्रतिशत से ज्यादा सैंपल्स में यह वेरिएंट पाया गया। जिस गति से यह वेरिएंट फैल रहा है, वह चिंताजनक है।”
वेरिएंट के लक्षण और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय:
XEC वेरिएंट के लक्षण सामान्य कोविड वेरिएंट्स के समान ही हैं। संक्रमित लोगों में बुखार, गले में खराश, खांसी, स्वाद और गंध का चले जाना, भूख न लगना, और शरीर में दर्द जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने अभी तक इस वेरिएंट के गंभीरता को लेकर स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकाला है, लेकिन इसके फैलने की दर ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को अलर्ट कर दिया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस वेरिएंट की संक्रामकता को देखते हुए सभी लोगों को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोविड-उपयुक्त व्यवहार) का पालन करना जरूरी है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर फ्रेंकोइस बॉलॉक्स का मानना है कि टीकाकरण और बूस्टर डोज से गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचा जा सकता है। उन्होंने सभी लोगों को टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज करने की सलाह दी है और कहा है कि सामाजिक दूरी, मास्क पहनना और हाथों की स्वच्छता को बनाए रखना इस वेरिएंट से बचाव के लिए जरूरी है।
वेरिएंट की वैश्विक स्थिति और प्रभाव:
यह वेरिएंट अभी तक 27 देशों के 500 से अधिक सैंपलों में पाया गया है। कई यूरोपीय देशों में इस वेरिएंट की तीव्रता अधिक देखी जा रही है। वैज्ञानिक इस वेरिएंट की प्रकृति और प्रभाव को समझने के लिए अध्ययन कर रहे हैं, ताकि इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए बेहतर उपाय किए जा सकें।
क्या करें सुरक्षित रहने के लिए?
- टीकाकरण और बूस्टर शॉट: सभी योग्य लोगों को टीकाकरण करवाना चाहिए और जिन्हें बूस्टर शॉट की आवश्यकता है, उन्हें जल्द से जल्द इसे प्राप्त करना चाहिए।
- कोविड-उपयुक्त व्यवहार: मास्क का नियमित उपयोग, सामाजिक दूरी का पालन, और हाथों की स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है।
- स्वास्थ्य निगरानी: यदि आपमें कोविड के लक्षण दिखाई देते हैं, तो जल्द से जल्द जांच कराएं और आवश्यकतानुसार चिकित्सा परामर्श लें।
निष्कर्ष:
कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सभी को सतर्क रहना, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह का पालन करना और आवश्यक सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। फिलहाल वैज्ञानिक इस वेरिएंट पर नजर बनाए हुए हैं और इसके प्रभाव और गंभीरता को समझने के लिए अध्ययन कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही इस वेरिएंट को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।