“छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की मिली खौफनाक सजा, चार आरोपी गिरफ्तार”
बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की घटना ने पूरे राज्य में गहरा आक्रोश और चिंता उत्पन्न की है। पुलिस ने इस मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम सुरेश चंद्राकर है। ये गिरफ्तारी हैदराबाद से देर रात की गई। अब तक कुल चार आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जिनमें सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र शामिल हैं। सभी आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है, और मामले की तफ्तीश आगे बढ़ रही है।
घटना के दिन यानी एक जनवरी को पत्रकार मुकेश चंद्राकर लापता हो गए थे, और बाद में 3 जनवरी को उनका शव बीजापुर के चट्टान पारा इलाके में एक ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश चंद्राकर ने बस्तर में 120 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना में कथित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था, और इसी भ्रष्टाचार को उजागर करने के कारण उनकी हत्या की गई है। पुलिस का मानना है कि इस हत्या के पीछे ठेकेदार सुरेश और उसके भाई का हाथ हो सकता है, और मुकेश की हत्या इसी कारण हुई।
मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर का कहना है कि उनके भाई को भ्रष्टाचार के मुद्दे की वजह से ठेकेदार ने निशाना बनाया। हत्या के बाद, पुलिस ने घटनास्थल से कई अहम सबूत इकट्ठा किए हैं, जिससे मामले की गुत्थी सुलझाने में मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया और इसे बेहद निंदनीय बताया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एसआईटी टीम का गठन किया है और तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। इसके अतिरिक्त, ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बैंक अकाउंट को सील कर दिया गया है, और अवैध कब्जों को भी हटाया जा रहा है।
यह हत्या केवल एक पत्रकार की जान की दुहाई नहीं है, बल्कि इसे प्रशासन के भ्रष्टाचार और अपराधी तंत्र से जूझने के संदर्भ में एक कड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस इस हत्या की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अपराधियों को पकड़े जाने के लिए प्रयासरत है, और इस घटना से संदेश दिया गया है कि किसी को भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा नहीं मिलनी चाहिए।