“मुंबई: गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जा रही नाव दुर्घटनाग्रस्त, 77 सुरक्षित, 3 लापता”
मुंबई : मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा के लिए रवाना हुई एक यात्री नाव “नीलकमल” के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। नाव पर कुल 80 यात्री सवार थे, जिनमें से 77 को रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि तीन लोग अब भी लापता हैं। यह हादसा बुधवार दोपहर 3:55 बजे उस समय हुआ जब नीलकमल नाव, उरण के पास पहुंचने पर एक तेज रफ्तार छोटी नाव से टकरा गई। इस टक्कर के कारण नीलकमल में तेजी से पानी भरने लगा, और नाव कुछ ही समय में डूब गई।
हादसे की जानकारी मिलते ही भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड, मरीन पुलिस, स्थानीय मछुआरों और प्रशासन ने राहत एवं बचाव अभियान तेज कर दिया। इस ऑपरेशन में नौसेना की 11 नावें, मरीन पुलिस की 3 नावें, कोस्ट गार्ड की 1 नाव और 4 हेलीकॉप्टर शामिल किए गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना के वक्त मौसम साफ था और गेटवे ऑफ इंडिया क्षेत्र में बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। नीलकमल नाव के डूबने की घटना के तत्काल बाद पास ही मौजूद एक बड़ी नाव के चालक दल ने कुछ यात्रियों को अपनी नाव पर चढ़ा लिया, जिससे कई जानें बचाई जा सकीं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा गेटवे ऑफ इंडिया से 50 मीटर की दूरी पर हुआ, जहां नाव समुद्र में आगे बढ़ ही रही थी कि अचानक टक्कर और डूबने की स्थिति पैदा हो गई। राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने में नौसेना, तटरक्षक बल और स्थानीय बचाव दलों की संयुक्त भूमिका महत्वपूर्ण रही। इस बीच, दुर्घटनास्थल पर मौजूद हेलीकॉप्टर और खोजी नावें, पानी में फंसे बाकी यात्रियों की तलाश में जुटी रहीं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि उन्हें हादसे की जानकारी मिलते ही सभी आवश्यक संसाधन तत्काल राहत कार्य के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “अधिकांश नागरिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बचाव अभियान जारी है और जिला प्रशासन पूरी तत्परता से काम कर रहा है। हमने किसी भी मदद में देरी न हो, यह सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि नाव पर करीब 30-35 लोगों के सवार होने की सूचना मिली थी। उन्होंने इसे विधानसभा में उठाने का भी जिक्र किया और उम्मीद जताई कि सभी लोग सुरक्षित होंगे।
प्राथमिक जांच के मुताबिक, दुर्घटना एक तेज रफ्तार छोटी नाव के नीलकमल नाव से टकराने के कारण हुई। हादसे के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि छोटी नाव तेज गति से आ रही थी, जिससे टक्कर हुई और नीलकमल में तुरंत पानी भरने लगा। इस घटना ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या नावों के संचालन और सुरक्षा नियमों का पालन हो रहा था या नहीं।
घटनास्थल पर बचाव अभियान दिन-रात जारी रहा। राहत दल ने अब तक 77 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। लापता तीन यात्रियों की तलाश के लिए समुद्र में कोस्ट गार्ड और नौसेना के गोताखोर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, हेलीकॉप्टरों का उपयोग समुद्र के ऊपरी हिस्से की स्कैनिंग में किया जा रहा है। इस दुखद घटना ने मुंबई में जल परिवहन सुरक्षा के मानकों पर एक बार फिर प्रकाश डाला है।
इस दुर्घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या पर्यटन स्थलों पर जल सुरक्षा और आपातकालीन प्रक्रियाओं को अधिक सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक व्यापक सुरक्षा समीक्षा और नियमों के पालन की सख्त व्यवस्था की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
अंततः, यह हादसा उन कई पर्यटकों के लिए एक चेतावनी है जो उत्साह में सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज कर समुद्री यात्रा का आनंद लेना चाहते हैं। दुर्घटना के बाद चल रहे राहत कार्यों में जुटे सभी दल और प्रशासन इस आपदा से उबरने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।