ममता बनर्जी की संपत्ति में हो रही कमी, सरकारी पैसों से चाय भी न पीने वाली देश की सबसे गरीब मुख्यमंत्री की साधारण जीवनशैली

ममता बनर्जी, जो 13 वर्षों से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं, एक बेहद साधारण जीवन जीने के बावजूद देश की राजनीति में प्रमुख चेहरा मानी जाती हैं। उनके वित्तीय रिकॉर्ड और साधारण जीवनशैली की चर्चा अक्सर होती है, विशेष रूप से उनके सीमित संपत्ति के आंकड़े जो उन्हें देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्रियों में से एक बनाते हैं। 2021 में ममता की कुल संपत्ति 16.72 लाख रुपए थी, जो अब घटकर 15 लाख रुपए तक पहुंच गई है। 2016 में उनकी संपत्ति 30 लाख रुपए थी, लेकिन तीन साल के भीतर इसमे कमी आई है।

ममता की सादगी के बारे में एक प्रसिद्ध कहावत है कि वे सरकारी पैसों से चाय तक नहीं पीती। ममता को अपने खर्च के लिए व्यक्तिगत रूप से पैसे जुटाने की आदत है। उन्होंने 2011 से अपने पेंशन का पैसा भी नहीं लिया है, जबकि केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्हें हर महीने 50,000 रुपए की पेंशन मिल सकती थी। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें दो लाख दस हजार रुपए मासिक सैलरी मिलती है, लेकिन ममता ने इस राशि को भी नहीं लिया और इसे बंगाल के सरकारी कोष में दान कर दिया।

ममता का आर्थिक मार्गदर्शन उनके लिखे किताबों और पेंटिंग्स से आता है। उन्होंने अंग्रेजी और बांग्ला में कई किताबें लिखी हैं जिनमें “स्लॉटर ऑफ डेमोक्रेसी” और “माई अनफॉर्गेटेबल मेमोरीज” प्रमुख हैं। इन किताबों की रॉयल्टी उनके आय का मुख्य स्रोत है और वे इन पैसों से दान भी करती हैं। इसके अलावा, ममता अपनी पेंटिंग्स को बेचकर भी कुछ पैसा कमा लेती हैं, जिसे वह छोटे और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उपयोग करती हैं।

वहीं, उनके रहने की शैली भी काफी साधारण है। ममता कालीघाट स्थित 30-बी हरीश चटर्जी रोड के अपने सरकारी आवास में रहती हैं, जो कोलकाता के एक गंदे नाले के किनारे स्थित है, लेकिन यह चीज उनके लिए कोई मायने नहीं रखती। मुख्यमंत्री बनने के बाद बंगाल सरकार ने उन्हें एक आलीशान बंगला मुहैया कराया था, लेकिन ममता ने वहां शिफ्ट होने से इनकार कर दिया था।

ममता का यात्रा का तरीका भी काफी सरल है। वे आमतौर पर सेंट्रो कार में यात्रा करती हैं, जबकि बाहर जाने पर महिंद्रा की स्कॉर्पियो या बोलेरा का इस्तेमाल करती हैं। उनके लिए अपनी प्राथमिकताओं में पैदल चलना भी महत्वपूर्ण है, और वह रोज सुबह ट्रेडमिल पर 15-20 मिनट दौड़ लगाती हैं।

उनकी व्यक्तिगत पसंद-नापसंद भी काफी सरल हैं। ममता को माछेर झोर (मछली झोल) और चावल सबसे पसंद है, इसके अलावा ढोकला और चाइनीज खाना भी उन्हें पसंद आता है। विशेष तौर पर दार्जिलिंग में जब ममता जाती हैं तो वहां के प्रसिद्ध मोमोज का स्वाद वह कभी नहीं भूलती हैं।

ममता का पहनावा भी कुछ अलग और साधारण है। वे 2009 से धनियाखली की सूती साड़ी पहनना पसंद करती हैं, जिसकी कीमत लगभग 300-350 रुपए होती है। इस साड़ी की एक दिलचस्प कहानी है – ममता ने खुद इन साड़ियों की ब्रांडिंग की थी ताकि धनियाखली के बुनकरों को रोजगार मिल सके।

ममता बनर्जी का जीवन उनकी सादगी और भ्रष्टाचार से दूर रहने के कारण हमेशा से चर्चा का विषय रहा है, और उनके सीमित संसाधनों और लोगों के लिए उनके काम की कड़ी आलोचना से भी एक मिशाल बना है।