महाकुंभ 2025: वसंत पंचमी पर आस्था का महासंगम, श्रद्धालुओं का सैलाब और दिव्य नज़ारे – देखें अद्भुत झलकियां!
प्रयागराज : यहां वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर महाकुंभ 2025 के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान का अद्भुत, भव्य और दिव्य नज़ारा देखने को मिला। करोड़ों श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं और महामंडलेश्वरों ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर अपने जीवन को धन्य किया। इस अलौकिक क्षण का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से असंख्य श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे, जहां चारों ओर आस्था, श्रद्धा और भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा।
संगम में आस्था का महासंगम
त्रिवेणी संगम में जैसे ही सूर्योदय हुआ, श्रद्धालुओं की भीड़ ने घाटों की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। हर-हर महादेव, जय श्री राम और हर-हर गंगे के जयघोष से पूरी धरती गूंज उठी। न केवल देश के कोने-कोने से बल्कि इटली, क्रोएशिया, ऑस्ट्रिया, अमेरिका, रूस और नेपाल सहित कई देशों से श्रद्धालु इस ऐतिहासिक अमृत स्नान में शामिल हुए। विदेशी श्रद्धालुओं ने भारतीय संस्कृति और परंपरा में पूरी तरह रमकर यह अनुभव किया कि यह केवल एक स्नान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जन्म का अवसर है।
अखाड़ों की भव्य पेशवाई और नागा संन्यासियों का दिव्य संगम
महाकुंभ के इस पावन अमृत स्नान में सबसे पहले भोर में साढ़े चार बजे महानिर्वाणी अखाड़े के संतों ने संगम में स्नान किया। इसके बाद पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और फिर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के संन्यासियों ने पुण्य स्नान किया। जूना अखाड़े के नागा संन्यासियों का दिव्य प्रवेश पूरे आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा। भस्म रमाए, हाथों में त्रिशूल और डमरू लिए नागा संन्यासी जब संगम की ओर बढ़े, तो मानो पूरा वातावरण अध्यात्म और शक्ति से भर गया। इस दौरान किन्नर अखाड़ा भी विशेष रूप से शामिल रहा, जिसने पूरे आयोजन को और भव्य बना दिया।
श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा, सुरक्षा और व्यवस्थाओं का विशेष प्रबंधन
त्रिवेणी संगम पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिससे श्रद्धालु अभिभूत हो उठे। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए थे। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, सुबह 8 बजे तक ही 62.25 लाख से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। वहीं, 2 फरवरी तक यह आंकड़ा 34.97 करोड़ को पार कर गया। कुंभ मेला प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई, वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया, और प्रमुख प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की। एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, यूपी एसटीएफ, पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस बलों ने समूचे मेला क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी।
स्नान पर्व के दौरान दुर्लभ शुभ योग और धार्मिक अनुष्ठान
वसंत पंचमी के इस दिव्य स्नान पर कई शुभ योग भी बने, जिससे इस स्नान का महत्व और बढ़ गया। 3 फरवरी की रात 12:52 बजे से सुबह 7:08 बजे तक रवि योग बना रहा, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:24 से 6:16 बजे तक रहा, वहीं अमृत काल रात 8:24 से 9:53 बजे तक रहा। इसके अलावा, दोपहर 12:13 से 12:57 तक अभिजीत मुहूर्त भी रहा। इन शुभ संयोगों के चलते श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद विशेष दान-पुण्य किया, जिसमें अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान प्रमुख रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष निगरानी और प्रशासनिक सतर्कता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमृत स्नान की व्यवस्थाओं की स्वयं निगरानी की। उन्होंने अपने सरकारी आवास के वॉर रूम में बैठक कर डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और प्रशासनिक अधिकारियों से लगातार अपडेट प्राप्त किए। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो और संगम क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों। साथ ही, यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने और सेफ कॉरिडोर बनाने के लिए भी विशेष निर्देश दिए गए, ताकि अखाड़ों की शाही सवारियां निर्बाध रूप से निकल सकें।
संगम क्षेत्र में भक्ति का महासागर और भव्य नज़ारा
महाकुंभ के इस अंतिम अमृत स्नान में पूरे प्रयागराज में भक्तिभाव और उल्लास की लहर दौड़ पड़ी। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और सड़कों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। संगम क्षेत्र में 12 किमी की परिधि तक केवल भक्तों की भीड़ ही नज़र आ रही थी। कोई सिर पर गठरी लिए, तो कोई कंधे पर झोला डाले संगम की ओर बढ़ता दिखा। सड़कों पर हर तरफ ‘जय गंगा मैया’, ‘हर-हर महादेव’, ‘जय श्रीराम’ के गगनभेदी नारे गूंज रहे थे।
इस प्रकार, वसंत पंचमी का यह अमृत स्नान केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सनातन परंपराओं का महासंगम बन गया। संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर हर श्रद्धालु ने अपने जीवन को कृतार्थ किया और इस अविस्मरणीय क्षण का हिस्सा बना।