महाकुंभ 2025: मकर संक्रांति पर संगम में 2.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने लिया पवित्र स्नान, भक्तों के आस्था का उमड़ा सैलाब

प्रयागराज:  भारत के सबसे प्राचीन और भव्य पर्वों में से एक, प्रयागराज का महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अत्यंत उल्लास और भक्तिपूर्ण माहौल के साथ शुरू हुआ। इस 45 दिनों तक चलने वाले अध्यात्म और संस्कृति के उत्सव ने मकर संक्रांति के दिन नई ऊंचाइयों को छुआ, जब उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर 25 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान किया।

संगम में आस्था का महासागर

इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश और भारत के हर कोने से भक्तगण संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े। यहां तक कि विदेशों से आए श्रद्धालुओं ने भी इस आयोजन को आत्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने में अपनी भागीदारी दर्ज की। धीरज, स्कॉटलैंड से आए एक भक्त, ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “मैंने नागा साधुओं और शाही स्नान के अद्भुत दृश्य देखे। यह मेरे जीवन का सबसे अलौकिक अनुभव है।”

अमेरिका के कैलिफोर्निया से आए एक अन्य भक्त ने इसे अपनी आत्मा की यात्रा का अनोखा हिस्सा बताते हुए कहा, “गंगा के पवित्र जल में स्नान करना मेरे लिए आध्यात्मिक जीवन का सर्वोच्च अवसर है। ऐसा लगता है जैसे ईश्वर स्वयं मुझे यहां लेकर आए हैं।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्कृष्ट व्यवस्थाएं

महाकुंभ के इस अद्वितीय आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित करने में उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रमुख भूमिका रही। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को अमृत स्नान के लिए शुभकामनाएं दीं और मेले की हर क्षण निगरानी की। यूपी के मुख्यमंत्री के सलाहकार, अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया, “महाकुंभ 2025 में इस बार 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन की उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर घंटे व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक हो रहा है।”

विश्व के सांस्कृतिक धरोहर में अद्वितीय

यह महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और अध्यात्मिक समागम का वैश्विक मंच भी है। विदेशी नागरिकों की उपस्थिति ने इसे एक बहुराष्ट्रीय कार्यक्रम बना दिया है। 45 दिनों के इस उत्सव में धार्मिक अनुष्ठानों, शाही स्नान, संत-समागम और सांस्कृतिक प्रदर्शनियों का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है।

अद्वितीय व्यवस्थाएं और भावनात्मक जुड़ाव

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सुरक्षा, स्वच्छता और यात्रियों के लिए अनुकूल परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। योगी सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर 24×7 जल और स्वच्छता सुविधाओं के साथ, स्वास्थ्य शिविरों, आपातकालीन सेवाओं, और यातायात प्रबंधन की उत्कृष्ट व्यवस्था की है।

महाकुंभ 2025: सांस्कृतिक गौरव की पहचान

महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह भारत की अद्भुत सांस्कृतिक धरोहर, सहयोग और सौहार्द का प्रतीक भी है। यह आयोजन एक ऐसा अवसर बन चुका है, जहां भारत के कोने-कोने और विदेशों से आए लोग एक ही आस्था और भाईचारे की भावना के साथ संगम तट पर एकत्रित होते हैं।

प्रयागराज के इस महाकुंभ ने न केवल आध्यात्मिक शक्ति और भारतीय संस्कृति की गहराई को उजागर किया है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर मानवता के एक अनुपम उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है।