हमर क्लीनिक में ताला: स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव ने खोली व्यवस्था की पोल

रामानुजगंज:  जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। स्थानीय निवासियों को उनके मोहल्ले में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के उद्देश्य से हमर क्लीनिक का निर्माण किया गया था। लाखों रुपये की लागत से बनी इस सर्वसुविधायुक्त बिल्डिंग में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी। लेकिन सरकारी उदासीनता और डॉक्टर्स की कमी के चलते यह क्लीनिक आज ताले में बंद पड़ी है।

रामानुजगंज नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 3 में बनी इस हमर क्लीनिक का उद्देश्य था कि वार्ड के नागरिकों को उनके घर के पास ही सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियों का इलाज मिल सके, जिससे जिला अस्पताल का दबाव कम हो। लेकिन डॉक्टरों के अभाव ने इस उद्देश्य को पूरी तरह विफल कर दिया। वर्तमान में सर्दी-खांसी जैसे छोटे मामलों में भी मरीजों को जिला अस्पताल का रुख करना पड़ रहा है।

डॉक्टर्स की कमी बनी बाधा
हमर क्लीनिक के सफल संचालन के लिए दो डॉक्टरों की पोस्टिंग की गई थी, लेकिन दोनों ने कुछ समय बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से क्लीनिक में मरीजों का आना बंद हो गया। इन परिस्थितियों में वार्ड के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पूरी तरह से असहाय हो गए हैं।

मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (CMHO) का कहना है कि डॉक्टरों की कमी जल्द ही पूरी की जाएगी और हमर क्लीनिक में चिकित्सा सेवाओं को शुरू करने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, कब तक यह समस्या हल होगी, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

सरकार की योजनाओं पर उठे सवाल
यह घटना सरकार के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की स्थिति पर सवाल खड़े करती है। लाखों रुपये की लागत से बनी इस क्लीनिक का उद्देश्य सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में विभाग की लापरवाही ने इस महत्वाकांक्षी योजना को विफल कर दिया।

नागरिकों की समस्याएं और बढ़ीं
हमर क्लीनिक के बंद होने का सीधा प्रभाव वार्ड के नागरिकों पर पड़ रहा है। जहां उन्हें छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिला अस्पताल जाना पड़ रहा है, वहीं अस्पताल में पहले से ही मरीजों का दबाव अत्यधिक बढ़ चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में विशेषकर बुजुर्ग और गरीब परिवार इससे ज्यादा प्रभावित हैं, जो बार-बार अस्पताल आने-जाने का खर्चा नहीं उठा सकते।

सरकार और विभाग के लिए बड़ा संदेश
इस घटना से यह साफ होता है कि योजनाओं के सफल संचालन के लिए केवल आधारभूत ढांचे का निर्माण पर्याप्त नहीं है। मानव संसाधन और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को मजबूत किए बिना ऐसी योजनाएं अधूरी रह जाती हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कब तक इस क्लीनिक में डॉक्टरों की नियुक्ति कर स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करते हैं।

ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि उनकी मांगों को प्राथमिकता देते हुए सरकार शीघ्र समाधान निकालेगी, ताकि उन्हें उनके क्षेत्र में ही जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।