कवासी लखमा की गिरफ्तारी और सुकमा कांग्रेस कार्यालय विवाद: ईडी के आरोपों पर सियासी घमासान
रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के बाद राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया। ईडी ने खुलासा किया है कि इस घोटाले के धन से बस्तर के सुकमा में कांग्रेस कार्यालय का निर्माण कराया गया।
ईडी के दावे और बढ़ती सियासत
ईडी के इन आरोपों के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तीखी टिप्पणी करते हुए सवाल उठाया कि केवल सुकमा कांग्रेस कार्यालय ही नहीं, क्या इस घोटाले के पैसे से दिल्ली में बने भव्य “इंदिरा भवन” का निर्माण भी नहीं हुआ होगा? उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी के नैतिक पतन और धन के दुरुपयोग का प्रतीक बताया।
पंकज झा ने कहा कि छत्तीसगढ़ लंबे समय से कांग्रेस आलाकमान के लिए एटीएम की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने तंज करते हुए लिखा कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने जिन आरोपों को बार-बार उठाया था, वे अब सच साबित हो रहे हैं।
कवासी लखमा की भूमिका और राजनीतिक साजिश का आरोप
कवासी लखमा, जो आदिवासी समुदाय से आते हैं और जिनके पास बहुत कम औपचारिक शिक्षा है, को कांग्रेस ने पहले आबकारी और उद्योग मंत्री जैसे महत्वपूर्ण विभाग सौंपे थे। ईडी के अनुसार, उनकी नेतृत्व में शराबबंदी के वादे को अनदेखा करते हुए शराब माफियाओं को पनाह दी गई।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि भाजपा केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
इंदिरा भवन का उद्घाटन और उठते सवाल
एक तरफ कवासी लखमा की गिरफ्तारी के साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस तेज हुई, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय “इंदिरा भवन” का उद्घाटन हुआ। भव्य समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी ने इसे एक बड़ा आयोजन बना दिया।
भाजपा ने सवाल किया कि जिस समय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का एक नेता घोटाले के आरोप में गिरफ्तार हो रहा था, उसी समय दिल्ली में भव्य मुख्यालय का उद्घाटन कहीं पार्टी के एटीएम जैसे राज्य की सच्चाई को तो उजागर नहीं कर रहा? उन्होंने पूछा कि क्या इस घोटाले का पैसा दिल्ली में बने नए मुख्यालय में इस्तेमाल हुआ?
राजनीतिक भविष्य और जनता का मंथन
यह विवाद जनता के बीच कई सवाल खड़े कर रहा है। छत्तीसगढ़, जहां आदिवासी समुदाय की एक बड़ी जनसंख्या है, में इस घटनाक्रम ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। भाजपा, इन आरोपों के आधार पर, राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है।
आगे की कार्रवाई और जांच
ईडी ने इस मामले में गहराई से जांच की घोषणा की है और संभावना जताई है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ और केंद्र स्तर पर राजनीतिक दबाव बनाने की योजना तैयार कर ली है।
कवासी लखमा की गिरफ्तारी और ईडी की रिपोर्ट ने छत्तीसगढ़ और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली के इंदिरा भवन और सुकमा कार्यालय से जुड़े सवाल आने वाले चुनावी माहौल में कांग्रेस और भाजपा के बीच तकरार को और तेज करेंगे। इस पूरे मामले की सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन जनता के बीच विवाद को लेकर मंथन जारी है।