हमास के अस्वीकार के बाद इजरायल ने गाजा में मानवीय सहायता रोकी, युद्धविराम विस्तार पर सहमति तक आपूर्ति पर पूरी तरह रोक
तेल अवीव: इजरायल और हमास के बीच संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब इजरायल ने गाजा में मानवीय सहायता के प्रवेश को पूरी तरह रोकने की घोषणा कर दी। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक हमास अमेरिका समर्थित युद्धविराम समझौते के विस्तार पर सहमत नहीं हो जाता। यह निर्णय उस समय आया जब समझौते के पहले चरण की अवधि समाप्त हो गई और आगे की वार्ता में गतिरोध उत्पन्न हो गया। नेतन्याहू सरकार ने रमजान और यहूदी त्योहार फसह के दौरान युद्धविराम को बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसमें गाजा में बंधकों की आंशिक रिहाई शामिल थी। लेकिन हमास ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे नेतन्याहू सरकार द्वारा किए गए पहले से सहमत समझौते के विरुद्ध “स्पष्ट तख्तापलट” बताया। हमास के इस रुख के बाद गाजा में युद्धविराम को लेकर तनाव और अधिक बढ़ गया। इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि जब तक हमास वार्ता के लिए अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता, तब तक गाजा पट्टी में किसी भी प्रकार की आपूर्ति को नहीं भेजा जाएगा।
इजरायल सरकार ने चेतावनी दी कि अगर हमास ने प्रस्ताव को अस्वीकार करना जारी रखा तो उसके लिए और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इजरायल का यह भी कहना है कि जब तक शेष बंधकों की रिहाई नहीं होती, तब तक युद्धविराम संभव नहीं है। दूसरी ओर, हमास ने इजरायल के इस कदम को “युद्ध अपराध” और “सस्ता ब्लैकमेल” करार दिया है। उसने मध्यस्थ देशों से अपील की है कि वे इजरायल पर दबाव डालें ताकि “अनैतिक और दंडात्मक उपायों” को रोका जा सके। इस पूरे घटनाक्रम पर अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ या ट्रम्प प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, और न ही यह पुष्टि हुई है कि वाशिंगटन ने इस प्रतिबंध पर सहमति दी थी।
मध्यस्थ देशों में से एक मिस्र ने भी इजरायल की कार्रवाई की निंदा की है और कहा है कि मानवीय सहायता को ब्लैकमेल का साधन नहीं बनाया जाना चाहिए। पहले चरण के तहत इजरायल और हमास के बीच समझौता हुआ था, जिसमें दर्जनों इजरायली बंधकों और सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया था। इजरायल इस समझौते को जारी रखना चाहता है, जिसके तहत वह जीवित और मृत बंधकों की अदला-बदली के बदले फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा में मानवीय सहायता की अधिक आपूर्ति की अनुमति देगा। लेकिन माना जाता है कि गाजा में अब भी 24 इजरायली बंधक जीवित हैं।
हमास का कहना है कि दूसरे चरण के तहत केवल अस्थायी युद्धविराम नहीं बल्कि स्थायी युद्धविराम और गाजा से इजरायली सैनिकों की पूर्ण वापसी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उसने इजरायल पर समझौते के विस्तार के नाम पर “हेराफेरी” करने का आरोप लगाया है। इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा कि इजरायल बंधकों की रिहाई के बदले किसी भी स्तर की वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन “पहले और दूसरे चरण के बीच कोई स्वचालित स्थानांतरण” नहीं होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जब तक वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं होती, तब तक गाजा में मानवीय सहायता के ट्रकों की आवाजाही बंद रहेगी।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि इजरायल और हमास के बीच संघर्ष केवल सैन्य टकराव तक सीमित नहीं है, बल्कि कूटनीतिक और मानवीय मोर्चे पर भी गहराता जा रहा है। जहां एक ओर इजरायल अपनी शर्तों पर हमास को झुकाने की रणनीति अपना रहा है, वहीं दूसरी ओर हमास इसे अपनी शर्तों पर वार्ता के लिए मजबूती से खड़ा रहने का अवसर मान रहा है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंच पाएंगे या फिर गाजा में हिंसा और मानवीय संकट और गहरा जाएगा।