“छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की पहल: बृजमोहन अग्रवाल”
रायपुर/नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने लोकसभा में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों के हितों और कला-संस्कृति के संवर्धन का मुद्दा उठाया। सोमवार को आयोजित इस सत्र में बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार से राज्य की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी। इस पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जवाब दिया कि सरकार देश की कला, संस्कृति और अमूर्त विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए अनेक योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
शेखावत ने बताया कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सहित देशभर में सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ना और स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करना है। उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (SCZCC), नागपुर ने छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाई है।
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और लोक कलाकारों पर विशेष ध्यान
बृजमोहन अग्रवाल ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक नृत्य जैसे राउत नाचा, पड़की, देवर नाचा और पंडवानी जैसी विधाओं का जिक्र किया। उन्होंने इन कलाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता पर बल दिया। इसके जवाब में मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में उपयुक्त कदम उठाने पर विचार कर रही है।
छत्तीसगढ़ के परंपरागत मेलों और उत्सवों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने आर्थिक सहायता भी प्रदान की है। इन आयोजनों के माध्यम से न केवल सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त किया जा रहा है, बल्कि स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर भी मिल रहे हैं।
वित्तीय सहायता और कलाकारों को लाभ
वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ के कलाकारों और सांस्कृतिक संगठनों को केंद्र सरकार द्वारा 57.91 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिससे 1143 कलाकारों को लाभ हुआ। इसके पहले, वर्ष 2021-22 और 2022-23 में क्रमशः 9.15 लाख और 12.5 लाख रुपये की सहायता दी गई थी, जिससे क्रमशः 675 और 611 कलाकार लाभान्वित हुए।
बृजमोहन अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि इन प्रयासों के बावजूद, राज्य के कलाकारों को और अधिक अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी।इस पहल से न केवल छत्तीसगढ़ के कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। सांसद बृजमोहन अग्रवाल और केंद्रीय सरकार के प्रयासों से छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति को नया आयाम मिल सकता है। इससे न केवल राज्य के लोक कलाकारों को सशक्त किया जाएगा, बल्कि देशभर के लिए यह एक प्रेरणा भी बनेगा।