संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का बड़ा बयान: शांति सैनिक अभियानों पर बढ़ते खतरे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

 न्यूयॉर्क संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक में वैश्विक शांति सैनिक अभियानों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक अभियानों को कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें आतंकवाद, गैर-राज्य संगठनों, सशस्त्र विद्रोही समूहों और अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क का खतरा शामिल है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शांति सैनिकों को अब पहले की तुलना में अधिक जटिल और खतरनाक परिस्थितियों में काम करना पड़ रहा है, क्योंकि आधुनिक तकनीक, ड्रोन, आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज) और साइबर हमलों जैसी नई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ आतंकवादी और उग्रवादी संगठन शांति स्थापित करने के प्रयासों को कमजोर करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को निशाना बना रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

पी हरीश ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते संघर्षों के कारण शांति सैनिकों के खिलाफ हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है, और यह आवश्यक है कि उनके खिलाफ होने वाले अपराधों को पूरी गंभीरता से लिया जाए तथा अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत अपने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्रों में आधुनिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रमों को अपडेट करने के लिए तैयार है। भारत दो दशकों से अधिक समय से न केवल अपने बल्कि अन्य देशों के शांति सैनिकों को भी प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है, जिससे वे बदलते सुरक्षा परिदृश्यों में अधिक प्रभावी तरीके से कार्य कर सकें।

उन्होंने यह भी कहा कि शांति सैनिक अभियानों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए आधुनिक निगरानी प्रणालियों, संचार सुविधाओं और डेटा विश्लेषण तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं को भी विकसित करने की आवश्यकता है, ताकि शांति सैनिक किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर सकें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति अभियानों के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की जानी चाहिए, क्योंकि इन अभियानों में अपने सैनिकों को भेजने वाले देश, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के देश, इस मुद्दे को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

पी हरीश ने यह भी उल्लेख किया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सबसे बड़ा योगदान देने वाले देशों में से एक है, और वर्तमान में भारत के 5384 सैनिक विभिन्न शांति मिशनों में तैनात हैं। उन्होंने दोहराया कि भारत शांति स्थापना की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि शांति सैनिकों को पर्याप्त सुरक्षा और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक अभियानों के लिए आवश्यक है कि वे लगातार बदलती वैश्विक परिस्थितियों के अनुसार खुद को आधुनिक बनाएं, ताकि शांति सैनिकों को उच्च स्तर की सुरक्षा मिल सके और वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन बिना किसी भय के कर सकें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति स्थापना में शामिल देशों को एकजुट होकर काम करना चाहिए और इस दिशा में अधिक प्रभावी नीतियां अपनानी चाहिए, ताकि शांति अभियानों की सफलता सुनिश्चित की जा सके और दुनिया में शांति और स्थिरता को मजबूत किया जा सके।