“भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की बल्लेबाजी में गिरावट: न्यूजीलैंड के खिलाफ निराशाजनक प्रदर्शन से बढ़ी चुनौतियाँ”

IND vs NZ:  भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की बल्लेबाजी फॉर्म लगातार चिंता का विषय बनी हुई है, विशेषकर न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में संपन्न टेस्ट सीरीज में। दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में जहां उन्होंने अपेक्षित प्रदर्शन नहीं किया, वहीं दूसरी पारी में भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रोहित ने 16 गेंदों पर एक चौके की मदद से केवल आठ रन बनाकर आउट हुए, जबकि उन्हें स्पिनर मिचेल सैंटनर ने विल यंग के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेजा।

इस तरह के प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों और विश्लेषकों में चिंता की लहर दौड़ा दी है, खासकर जब भारत को अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का सामना करना है। भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज हारने के साथ-साथ रोहित की खराब फॉर्म की वजह से भी निराशा महसूस की है। कप्तान रोहित शर्मा, जो आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, ने इस सीरीज में अपने खेल को साबित करने में असफल रहे, जिससे टीम को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा।

रोहित की खराब फॉर्म का एक प्रमुख उदाहरण यह है कि घरेलू धरती पर टेस्ट मैचों में उनका औसत भारतीय ओपनर्स में सबसे खराब है। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से पहले, उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में भी निराशाजनक प्रदर्शन किया था, जहां उनका औसत केवल 10.50 रहा। यह औसत घर में चार पारियों में किसी भारतीय ओपनर के लिए सबसे खराब औसत है। न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मैचों में भी उनका औसत 15.50 रहा है। चार पारियों में उन्होंने कुल 62 रन बनाए, जिसमें बंगलुरू टेस्ट की दूसरी पारी में 52 रन शामिल हैं, लेकिन इसके अलावा अन्य तीन पारियों में उनका बल्ला खामोश ही रहा।

पिछली आठ टेस्ट पारियों में, रोहित केवल दो बार दहाई अंक का आंकड़ा पार कर सके हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ एक अर्धशतकीय पारी और बांग्लादेश के खिलाफ 23 रन की पारी खेली, लेकिन इसके अलावा उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा।

आने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे के संदर्भ में, जहां भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में लगातार जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है, रोहित शर्मा का फॉर्म में लौटना बेहद आवश्यक है। अगर वह अपने खेल में सुधार नहीं करते हैं, तो न केवल उनकी व्यक्तिगत स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि टीम की भी क्षमता प्रभावित होगी। यह निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा, और सभी की नजरें अब रोहित के प्रदर्शन पर टिकी होंगी।