पाकिस्तान में नहीं खेलेगा भारत: टी-20 ब्लाइंड विश्व कप में भागीदारी से पीछे हटने का फैसला

भारतीय दृष्टिहीन क्रिकेट संघ (सीएबीआई) ने पाकिस्तान में 22 नवंबर से 3 दिसंबर 2024 तक होने वाले चौथे टी20 दृष्टिहीन क्रिकेट विश्व कप में भाग न लेने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत सरकार से मंजूरी न मिलने के बाद उठाया गया। सीएबीआई ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस फैसले की जानकारी दी।

सरकार के निर्देश को सर्वोपरि मानते हुए लिया गया निर्णय
सीएबीआई ने कहा कि उनकी टीम ने इस प्रतियोगिता के लिए कठोर प्रशिक्षण लिया था और विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उत्सुक थी। हालांकि, भारत सरकार के मार्गदर्शन का सम्मान करते हुए, इस टूर्नामेंट से हटने का कठिन निर्णय लिया गया। सीएबीआई ने स्पष्ट किया कि वे देश का प्रतिनिधित्व करने और खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं।

खिलाड़ियों और संघ का बयान
संघ के अनुसार, खिलाड़ियों के लिए यह निर्णय निराशाजनक है, क्योंकि उन्होंने इस टूर्नामेंट की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत की थी। भारतीय दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के कप्तान दुर्गा राव टोमपाकी ने कहा, “हमने एक सफल कोचिंग कैंप आयोजित किया है, जहां हमें कई उभरती हुई प्रतिभाएं देखने को मिलीं। अब समय आ गया है कि हम इन प्रतिभाओं को निखारें और सुनिश्चित करें कि भविष्य के टूर्नामेंट के लिए हमारी टीम पूरी तरह तैयार हो।”

भविष्य की ओर नई रणनीति
सीएबीआई ने घोषणा की कि वे अब अपने खिलाड़ियों के कौशल को बढ़ाने और नई प्रतिभाओं को उभारने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। संघ ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता दृष्टिहीन क्रिकेट के निरंतर विकास और इसे वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की है।

दृष्टिहीन क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्धता
सीएबीआई ने अपने बयान में यह भी कहा कि वे खेल के प्रति अपने जुनून और देश का प्रतिनिधित्व करने की भावना से प्रेरित हैं। हालांकि, इस बार विश्व कप से चूकना उनके लिए निराशाजनक है, लेकिन वे पूरी तैयारी के साथ अगले टूर्नामेंट के लिए अपनी टीम को तैयार करेंगे।

राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर योगदान
सीएबीआई ने यह भी दोहराया कि वह भारत में दृष्टिहीन क्रिकेट के विकास को बढ़ावा देने के लिए नए कार्यक्रम और प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेगा। संघ ने यह भी भरोसा जताया कि उनकी टीम भविष्य की प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी और देश को गर्व महसूस कराएगी।

यह निर्णय न केवल सरकारी निर्देशों के प्रति सीएबीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय दृष्टिहीन क्रिकेट की प्रगति और समर्पण को भी उजागर करता है। संघ का यह दृष्टिकोण खेल को और सशक्त बनाएगा और आने वाले वर्षों में नई प्रतिभाओं को सामने लाने में सहायक सिद्ध होगा।