“महाराष्ट्र में सरपंचों पर बढ़ते हमले: धाराशिव में एक और जानलेवा घटना, पुलिस ने शुरू की जांच”

मुंबई:  महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में सरपंच पर एक और हमले की घटना सामने आई है, जिसने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है। शुक्रवार की रात को मेसाई जवालगा के सरपंच नामदेव निकम अपनी एसयूवी कार में बारुल से गांव जा रहे थे, तभी तुलजापुर के पास दो बाइक पर सवार चार हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाया। हमलावरों ने पहले कार के शीशे पर अंडे फेंके और फिर पत्थर से हमला कर कार का शीशा तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने कार के अंदर पेट्रोल से भरा हुआ कंडोम भी फेंका, जिससे हमले का स्वरूप और भी गंभीर हो गया। इस हमले में सरपंच निकम समेत एक व्यक्ति घायल हो गया, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।

पुलिस ने तत्परता से जांच शुरू कर दी है और इस घटना को लेकर चार अज्ञात हमलावरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। सरपंच निकम ने पुलिस को बताया कि वह पुणे में रहते हैं और सप्ताह में दो-तीन बार ही अपने गांव मेसाई जवालगा आते हैं, जहां उनकी किसी से भी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। इस घटना ने एक बार फिर महाराष्ट्र में सरपंचों पर हो रहे हमलों की चिंता को जटिल बना दिया है।

गौरतलब है कि इससे पहले, नौ दिसंबर को, जिले के मासाजोंग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, और उनके खिलाफ हत्या और जबरन वसूली के आरोप लगाए गए हैं। यह हत्या एक ऊर्जा कंपनी से जुड़ी हुई थी, जिसमें एक आरोपी ने कंपनी से दो करोड़ रुपये की मांग की थी। जब सरपंच ने इस आपराधिक गतिविधि के खिलाफ हस्तक्षेप किया, तो आरोपियों ने उन्हें अपहरण करके हत्या कर दी।

विपक्ष ने इस हत्या के मामले में दावा किया कि इस घटना के पीछे वाल्मीक कराड का हाथ है, जो धनंजय मुंडे का करीबी रिश्तेदार है। हालांकि, कराड को इस मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की न्यायिक जांच का आदेश दिया है। यह घटनाएँ महाराष्ट्र में सरपंचों के खिलाफ बढ़ते हमलों की एक चिंता जनक कड़ी साबित हो रही हैं, जिन पर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता महसूस हो रही है।